Tonk News । कोरोना वायरस के गढ़ बन चुके टोंक में जिला प्रशासन की अनदेखी से अवैध कॉचिंग संस्थान फल-फूल रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने स्कूल, कॉलेज व सभी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन की अनदेखी टोंक शहर में अवैध कॉचिंग कलासेज धड़ल्ले से चल रहे हैं। कुछ संस्थान तो कलेक्ट्रेट से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही संचालित है। कई कॉचिंग संस्थान सुभाष बाजार, नौशेमियां का पुल, बड़ा कुआं, सिविल लाइन, छावनी, बस स्टैण्ड समेत अन्य स्थानों पर काफी संख्या में अवैध संचालित किए जा रहे हैं।
जब राज्य सरकार ने सरकारी व मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के बंद के आदेश कर दिए तो कॉचिंग कलासेेज का संचालन होना प्रशासनिक कमी को दर्शाता है। ऐसे में अवैध कॉचिंग कलासेज पर कार्रवाई की मांग को लेकर स्वयं सेवी शिक्षण संस्था संघ ने जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश व उपखण्ड अधिकारी नित्या के. को ज्ञापन सौंपा है। इसमें जिला कलक्टर ने निजी स्कूल के साथ कमेठी का गठन कर अवैध कॉचिंग कलासेज के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, लेकिन इससे पहले जिला प्रशासन इस ओर ध्यान तक नहीं दिया। जबकि स्कूल-कॉलेज पर सख्ती बरती गई।
जबकि स्कूल कॉलेज के युवाओं को नौकरी व अच्छे नम्बर के बहाने कॉचिंग संस्थान अपनी ओर आकृषित करते हैं। स्कूल संघ जिलाध्यक्ष शिवजी लाल चौधरी ने बताया कि अवैध व बिना कोरोना गाइडलाइन्स के चल रही कॉचिंग पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि शहर में धड़ल्ले से अवैध कॉचिंग कलासेज का संचालन कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करते हुए प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे है। इन पर कार्रवाई की मांग की गई है।