आयात विकल्प उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को दिया जाये बढ़ावा: राजीव सिंहल

Sameer Ur Rehman
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टोंक । अखिल राजस्थान  ट्रेंड एंड इंडस्ट्ीज एसोसियेशन (आरतिया) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि राजस्थान में आयात विकल्प उत्पाद बनाने वाले उद्योेगों को बढ़ावा दिया जाये, इससे उन वस्तुओं का उत्पादन राजस्थान में हो सकेगा, जिनका अभी आयात हो रहा है।

इस संदर्भ में आरतिया की कोर कमेटी की एक मीटिंग आयोजित हुई जिसमें आरतिया अध्यक्ष विष्णु भूत, मुख्य संरक्षक आषीष सराफ, मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियानी,  उपाध्यक्ष कैलाष शर्मा, उपाध्यक्ष सुनील बंसल, टोंक जिलाध्यक्ष राजीव सिंघल,सलाहकार डॉ. रवि गोयल व अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। 

राजीव सिहंल ने बताया कि राजस्थान में आयात विकल्प उत्पाद बनाने वाले उद्योेगों को बढ़ावा दिया जाये, इससे उन वस्तुओं का उत्पादन राजस्थान में हो सकेगा, जिनका अभी आयात हो रहा है। ऐसी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से राज्य का औद्योगिक विकास जहां गतिषील होगा, वहीं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और सबसे बड़ी बात आयात पर खर्च होने वाली विदेषी मुद्रा की बचत होगी, जिसका भंडार लगातार घटता जा रहा है।

आरतिया के मुख्य संरक्षक आषीष सराफ के अनुसार चालू वित वर्ष के पहले सात माह के दौरान 34.52 लाख करोड़ रूपये मूल्य का आयात किया गया है, जो कि विगत वित वर्ष की समान अवधि के दौरान किये आयात की तुलना में 41.98 प्रतिषत अधिक रहा है। विदेषी मुद्रा में यह आयात 43680 करोड़ डॉलर का रहा है। 

आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कन्दोई के अनुसार देष की आयात निर्भरता को कम करने के लिए राजस्थान सरकार राज्य को बड़ा उत्पादक हब बना सकती है। राज्य में कपास, वनस्पति तेल, दलहन, फल-सब्जियों, टैक्सटाइल यार्न फैब्रिक्स, मेड-अप्स, सल्फर, अनरोस्टेड आयरन पायराइट्स, आर्गेनिक रसायन, डाईंग-कलरिंग मैटेरियल, आर्टिॅिफषियल रेसिंस, प्लास्टिक मैटेरियल, केमिकल मैटेरियल, मषीनरी, इलेक्ट्किल, ट्ांसपोर्ट उपकरण, इलेक्ट्ानिक वस्तुओं आदि के उत्पादन को राज्य में प्रौत्साहित किया जाये। 

आरतिया के कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि पत्र में यह भी सुझाया गया है कि जिन वस्तुओं का देष से आयात किया जाता है, उनके उत्पादन का बड़ा हब राजस्थान को बनाने की दिषा में भी पहल की जा सकती है। इन वस्तुओं में मसाले, तेल खली, तिलहन, फल-सब्जी, मोटे अनाज, डेयरी-पोल्ट्ी उत्पाद, माइका व मिनरल उत्पाद, सेरेमिक उत्पाद, ग्लासवेयर, रत्न-आभूषण, दवाइयों, आर्गेनिक रसायन, इंजीनियरिंग उत्पाद, इलेक्ट्ानिक उत्पाद, काटन यार्न, हैंडलूम उत्पाद, टैक्सटाइल, कारपेट, पेट्ोलियम उत्पाद और प्लास्टिक व लिनोलियम उत्पाद षामिल हैं। उल्लेखनीय है कि चालू वित वर्ष के पहले सात माह के दौरान देष में 26335 करोड़ डॉलर अर्थात करीब 20.77 लाख करोड़ रूपये का निर्यात किया गया था। 

वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाष शर्मा ने आग्रह किया कि विदेष-व्यापार संतुलन बेहतर बनाने के लिए राजस्थान सरकार संबंधित उद्योगों को प्रौत्साहित करने के लिए जमीन, बिजली-पानी, आधारभूत ढांचा आदि की उपलब्धता सुनिष्चित कराये और क्लस्टर एप्रोच से काम करे।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/