भरतपुर।(राजेन्द्र जती) जिला जाट महासभा भरतपुर एवं भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने रामवीर सिंह वर्मा और डा0 पे्रम सिंह कुन्तल की अगुवाई में जिला कल्क्टर के माध्यम से राज्य की मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौप कर मांग की है कि राजस्थान के जाटों सहित ओबीसी में शामिल कोई भी जाति ओबीसी कोटे में किसी प्रकार का विभाजन स्वीकार नहीं करेगें इसलिए गुर्जरो की ओबीसी कोटे में 5 प्रतिशत पृथक से आरक्षण नहीं दिया जाने की मांग की गई है तथा मांग की गई। भरतपुर धौलपुर के जाटांे को राज्य के अन्य जिलो के जाटों की भांति केन्द्र में ओबीसी की सूची में शालि करने अभिशंषा राज्य सरकार द्वारा की
जावे।
जाट समाज ने 4 सूत्री ज्ञापन में भरतपुर-धौलपुर के जाटों को 31 जुलाई
2015 से 23 अगस्त 2017 के मध्य आरक्षण का लाभ दिलाने एवं भरतपुर धौलपुर जाट आन्दोलनों के दौरान वर्ष 2011 से 2017 के मध्य दर्ज मुकदमों को वापिस लेने की मांग की गई है।
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामवीर सिंह वर्मा ने मांगों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ये प्रमुख जाति जाट, गुर्जर, अहीर, माली, सुनार, खाती, लोधा सहित लगभग 91 जातियां शामिल है किन्तु गुर्जर जाति ओबीसी कोटे के 21 प्रतिशत में से अलग से 5 प्रतिशत के विभाजन की मांग कर रही है जो कि किसी भी रूप में न्याय संगत नहीं है सरकार से मांग की गई है कि ओबीसी के 21 प्रतिशत कोटे में किसी भी प्रकार का विभाजन नहीं किया जावे अन्यथा जाट समाज आन्दोलन करेगा।
जिला जाट महासभा के अध्यक्ष डा0 पे्रम सिंह कुन्तल ने बताया कि ज्ञापन में भरतपुर- धौलपुर के जाटों को राज्य पिछडा वर्ग आयोग की अनुशंषा पर दिये आरक्षण की रिपोर्ट केन्द्रीय पिछडावर्ग आयोग को भेजी जानी चाहिए ताकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार राज्य के 31 जिलों के भांति भरतपुर धौलपुर के जाटों को भी केन्द्र में ओबीसी का लाभ मिल सके।
राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश महामंत्री राकेश फौजदार ने बताया कि कि यदि ओबीसी कोटे में किसी प्रकार का विभाजन किया गया तो राजस्थान की आबीसी में शामिल सभी जातियों को साथ जाट सडको पर उतर कर आन्दोलन करेगा। जिला जाट महासभा के महामंत्री गोविन्द सिंह भगोर ने बताया कि ज्ञापन में सरकार से आग्रह किया गया है कि शीध्र ही मांगो को पूरा किया जावे अन्यथा जाट समाज आन्दोलन को बाध्य होगा। उन्होने बताया कि 15 दिवस मंे यदि मागों पर सरकार का सकारात्मक रूख नहीं रहता है तो 15 दिन बाद किसी भी समय आन्दोलन की घोषणा की जा सकती है। ज्ञापन के समय राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश महामंत्री राकेश फौजदार, आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामवीर सिंह वर्मा, जिला जाट महासभा के अध्यक्ष डा0 पे्रम सिंह कुन्तल, मंत्री गोविन्द सिह भगोर, गोपाल सिंह हथैनी, चन्द्रवीर सिनसिनी, चैब सिंह फौजदार, ईश्वर सिंह बछामदी, हेमराज सिंह सिनसिनी, नोनिहाल डागुर, थान सिंह, कमल सिंह इन्दोलिया, रवि अभोर्रा, चन्दन सिंह जघीना, कै0 मोहन सिंह,शेर सिंह नेताजी, सीटू सिनसिनवार, पुष्पेन्द्र सिंह, दर्याब सिंह,लक्षमन सिंह, पृथ्वीराज, लाखन सिंह, मेवाराम चैधरी, भी शामिल थे।