Tonk News /पीपलू ।अगर किसी विद्यालय के प्रांगण में एक नहीं बल्कि दो दिनों तक कोबरा सांप इधर उधर रैंगता नजऱ आता रहे तो वहां के स्टाफ की क्या हालत हो सकती है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
जी हां ऐसा ही कुछ हुआ पीपलू उपखंड के ग्राम जंवाली के राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय में जहां तैनात शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ जिन्हें एक नहीं बल्कि दो दिन प्रांगण में रैगते नजऱ आने वाले कोबरा सांप के साथ गुजारने पड़े।
आखिर में जब यह कोबरा सांप विद्यालय के पुस्तकालय कक्ष में जा घुसा तो वहां तैनात स्टाफ के हाथ पांव पूरी तरह से फूल गये।
वहां तैनात स्टॉफ द्वारा इस मामले की जानकारी वहीं के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसीपल उमा हाड़ा को दी गई। प्रिंसीपल उमा हाड़ा नें भी मामले की गंभीरता को भांपते हुए इसकी जानकारी सर्प संरक्षण से जुड़े वन्यजीव प्रेमी मनोज तिवारी को दी गई ।
जिन्होंने मौके पर पहुंच पुस्कालय कक्ष में रखे इन्वर्टर के पीछे जा छिपे कोबरा सांप को अपने स्नैक बैग में क़ैद कर लिया।
कोबरा सांप को पकड़े जाने के बाद जहां स्टाफ ने राहत की सांस ली। वहीं बाद में इस सांप को वन क्षैत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया। ग़ौरतलब है कि कोबरा सांपों की विश्व में पायी जाने वाली सर्वाधिक 10 जहरीली प्रजातियों में शुमार है। ऊमा हाड़ा ने बताया कि ये कोबरा सांप दो दिनों से विद्यालय परिसर में विचरण कर रहा था ।
जिसके चलते स्टाफ में भय व्याप्त हो गया था। उमा हाड़ा के अनुसार ग्रामीणों ने सांपों से जुड़ी किवदंतियों के अनुसार कुछ बातें भी स्टाफ को बताते हुए उसे नहीं पकड़वाये जाने की सलाह दी थी लेकिन स्टाफ की सुरक्षा के चलते उसे पकड़वाकर अन्यत्र छुड़वाया जाना जरूरी था।
मनोज तिवारी ने बताया की पकड़ा गया कोबरा वयस्क था जिसके दंश के बाद समय पर उपचार नहीं मिलने पर पीडि़त की मौत भी हो सकती थी। इस दौरान इस कार्य से स्वैच्छिक रूप से जुड़े बंशीधर अग्रवाल भी मौजूद रहे।