Tonk News।विश्व विख्यात मौलाना आज़ाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक (एपीआरआई) के लिए राज्य सरकार के स्तर से अहम फैसले हुए है
निदेशक मुजीब अता आजाद ने बताया मौलाना आजाद अरबी फारसी रिसर्च इंस्टीट्यूट टोंक की स्थापना 1978 में हुई स्थापना से लेकर आज तक संस्थान के लिए जो कार्य किए जाने थे वह अधूरे रहे इस चिंता के साथ निदेशक का कार्यभार उन्हे मिला तो उनका स्वप्न और लक्ष्य रहा कि जो कार्य स्थापना के वक्त किए जाने थे ।
वह अधूरे हैं ऐसी स्थिति में संस्थान तरक्की कैसे कर पाएगा और एक चुनौती पूर्ण दायित्व किस प्रकार निभा सकेंगे निदेशक का पदभार संभालने के बाद एक माह भी पूर्ण नहीं हुआ है और राज्य सरकार में सचिववालय स्तर पर विचाराधीन चल रहे नियमो उप नियमों तथा संविधान को सरकार के कार्मिक विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मौलाना आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम 2023 नए प्रस्तावित सेवा नियमों का अनुमोदन कार्मिक विभाग के स्तर पर किया जा चुका है इन सेवा नियमों को सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर को अग्रिम कार्यवाही के लिए भिजवा दिए हैं।
इससे संस्थान के रुके हुए अधूरे सभी कार्य पूर्ण हो सकेंगे, संस्थान के हित में वो सभी कार्य पूर्ण होने का रास्ता तय हो गया है जो संस्थान के लिए अति आवश्यक है जिनके बिना संस्थान की स्थापना मे अधूरापन चलता आ रहा है इस अधूरेपन के पूरा होने से ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है।
मुजीब अता आजाद ने बताया कि संस्थान के लिए निदेशक शोध अधिकारी शोध सहायक कैटालॉगर अनुवादक अरबी एवं फारसी कैलीग्राफिस्ट कनिष्ठ तकनीकी सहायक प्रीजर्वेशन सहायक मेडर कमबाइंडर, मैंनस्क्रिप्टअटेंडेंट माइक्रो फोटो ग्राफिस्ट्, जेरॉक्स ऑपरेटर पुस्तकालयाध्यक्ष, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष, सर्वेयर के पदों पर नियुक्ति का रास्ता खुल गया है
निदेशक मुजीब अता आजाद ने कहा कि टोंक से तेहज़ीब् सभ्यता संस्कृति की धारा प्रवाहित होती है जो पूरे देश को शांति का पैगाम देती है मौलाना आजाद के व्यक्तित्व एवं मौलाना आजाद के विचारों के साथ प्रबुद्ध नागरिकों बुद्धिजीवियों के मूल्यवान सुझावों के आधार पर मौलाना आज़ाद अरबी फारसी शोध संस्थान कि तरक्की के लिए भविष्य में प्रयास किये जाएंगे इस विषय पर भी प्रबुद्ध जनों नागरिकों से उन्होंने विचार साझा करने की मुहिम छेड़ी हुई है