सामूहिक प्रयास से ही बाल विवाह का अंत संभव

टोंक । टोंक जिले में बाल विवाह में कमी लाने के लिए सरकारी, गैर सरकारी संस्थान व मीडिया संयुक्त रूप से मिलकर कार्य करते आए हैं किंतु फिर भी जिले में बाल विवाह की घटनाएं देखने को मिलती है एवं अभी भी 37.2% बाल विवाह के आंकड़े के साथ टोंक जिला बाल विवाह में अग्रणी जिलों में सम्मिलित है।सामूहिक प्रयास से ही बाल विवाह का अंत संभव

बाल विवाह की रोकथाम के लिए शिव शिक्षा समिति रानोली व एमपावर के सहयोग से संचालित वह बदलाव का नेतृत्व करेगी परियोजना के तहत एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के 25 मीडिया संवाददाताओं व ब्यूरो चीफ के साथ परियोजना अधिकारी पूनम जोनवाल ने बाल विवाह रोकथाम पर किए गए।सामूहिक प्रयास से ही बाल विवाह का अंत संभव

कार्यों की प्रगति साझा की एवं आगामी रणनीति के तहत बाल विवाह कंट्रोल रूम का नियमित संचालन करवाने बाल विवाह रोकथाम टास्क फोर्स व बाल संरक्षण समितियों का गठन व क्षमता वर्धन करवाने पर चर्चा की गई साथ ही ऐसी बालिकाएं जिन्होंने अपना बाल विवाह रुकवाया है।

उनकी कहानी न्यूज़ पेपर में प्रकाशित करने पर सहमति बनी जिससे वे अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन सके। कार्यशाला के दौरान बाल संरक्षण अधिकारी सीताराम शर्मा ने शिव शिक्षा समिति द्वारा किए जा रहे ।

कार्यों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की एंव किशोरी फेडरेशन पीपलू की सदस्य गायत्री व प्रिया वर्मा ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी कार्यशाला के दौरान कलस्टर कोऑर्डिनेटर राहुल गजरा, निसार अहमद, शाजिया परवीन व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।