दीपावली महापर्व लक्ष्मी पूजन मुहूर्त योग

liyaquat Ali
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Tonk News / Dainik reporter : महालक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या को स्थिर लग्र व स्थिर नवमांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है, इस वर्ष कार्तिक कृष्णा अमावस्या 27 अक्टूबर रविवार को दिन में 12.23 बजे से प्रारंभ है जो 28 अक्टूबर सोमवार को प्रात: 9.8 बजे तक है।

अत: 27 अक्टूबर रविवार को प्रदोष व्यापिनी अमावस्या होने से इसी दिन दीपावली मनाई जाकर लक्ष्मी पूजन किया जायेगा। जिसमें प्रदोष काल समय सांय 5.45 बजे से रात्रि 8.19 बजे तक रहेगा। वृष लग्र सांय 6.53 बजे से रात्रि 8.50 बजे तक सिंह लग्र मध्य रात्रि 1.23 बजे से अन्र्तरात्रि 3.39 बजे तक है।

अत: प्रदोष काल सहित स्थिर वृष लग्र सांय 6.53 बजे से रात्रि 8.19 बजे तक है जो लक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ समय है। चौघडिय़ा अनुसार प्रात: 8 बजे से दोपहर 12.10 बजे तक चर लाभ अमृत का दोपहर 1.33 बजे से 2.56 बजे तक शुभ का अभिजीत दोपहर 11.47 बजे से 12.35 बजे तक रहेगा।

सूर्यास्त 5.45 बजे से रात्रि 10.35 बजे तक शुभ अमृत चरका मध्य रात्रि 1.48 से अन्र्तरात्रि 3.24 बजे तक अमृत का अन्र्तरात्रि 5.1 से 6.37 प्रात: सूर्योदय से पूर्व तक रहेगा, जिसमें लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है।

मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि दीपावली पर प्रदोष व्यापिनी तिथ अमावस्या रविवार चित्रा नक्षत्र इन तीनों का संयोग बहुत कम बनता है। चित्रा नक्षत्र प्रात: 5.49 से अद्र्धरात्रि बाद 3.17 बजे तक तुला में चन्द्रमा दिन में 4.32 बजे प्रवेश करेगेें।

विष्कुंभ योग रात्रि 10.10 बजे तक उपरांत प्रिति योग तथा पद्य नामक सुयोग है जो सभी वर्गो के लिए शुभाशुभ है। व्यापारी वर्ग के लिए धनु लग्र प्रात: 10.31 से 12.35 बजे तक देव गुरू बृहस्पति कुंभ लग्र दिन में 2.19 बजे से 3.49 बजे तक शनि के प्रभाव से अत्यन्त शुभ फलदायक है।

गृहों का केन्द्र व त्रिकोण मधुर संबंध होने से विद्या सुख संतान भौतिक सुखों धन कारक महालक्ष्मी योग बन रहा है। साथ ही स्वास्थ्य लाभ पराक्रम वृद्धि सर्व बाधा निवारण के येाग बन रहे है।

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