टोंक । (एस.एन.चावला) दत्तवास थानाधिकारी दयाराम चौधरी को दत्तवास थाना से टोंक थाना कोतवाली में स्थानांतरण होने होने की खबर जिले में तेजी से फैलते ही कोई निराश हुआ तो कोई खुश। आम लोगों में निराशा देखी गई, क्योंकि वे थानाधिकारी के कार्य से काफी खुश थे। खुश वे लोग नही हुए जिन पर क्षेत्र की व्यवस्था को सुधारने के दौरान सख्ती बरती थी और जिनके खिलाफ कार्रवाई की थी। दतवास थानाधिकारी दयाराम चौधरी ईमानदारी और लग्न से अपना कर्त्तव्य निभाया ओर आज भी इस पद योग्य है। लेकिन टोंक में चल रही गन्दी राजनीति के शिकार ऐसे ईमानदार थानेदार का तबादले का तोहफ़ा इनाम में मिल रहा है ।
आम जनता दुखी : थानाधिकारी के स्थानांतरण की खबर से आम जनता में भारी निराशा देखी गई। वे जनता की समस्याओं एवं परेशानियों का निराकरण मौखिक चर्चा के दौरान तत्काल कर देते थे। यही कारण था कि काफी कम समय में ही उन्हें जनता का विश्वास हासिल हो गया था। ऐसे लोकप्रिय थानाधिकारी के स्थानांतरण की खबर से लोगों को काफी दुख हुआ।
इन्हें हुई खुशी : थानाधिकारी दयाराम चौधरी के स्थानांतरण से वे लोग खुश नजर आए जो बजरीमाफ़िया, दलाल व दत्तवास क्षेत्र की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए थानाधिकारी व टीम द्वारा उठाए गए आवश्यक कदम में रोड़ा बन रहे थे। थानाधिकारी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक एवं सख्त कार्रवाई की।
थानाधिकारी ने अपने कार्यकाल में कई बजरी माफियो, लूटेरे, शराबियों, क्षेत्र के बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की। विशेष रूप से अवैध बजरी माफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इससे नाराज बजरी माफियो ने जमकर विरोध भी किया था। दत्तवास थाना क्षेत्र के लुटेरे व बदमाश भी उनसे काफी नाराज थे।
जैसे ही स्थान्तरण की खबर लोगो की मिली तो शुक्रवार शाम से ही दत्तवास थानाधिकारी दयाराम चौधरी से लोगों का मिलने का क्रम अनवरत जारी रहा। लोगों ने चौधरी से मिलकर उनके यहां से स्थानांतरित होने पर खेद व्यक्त किया
अनाथ की शादी करवाना , दतवास थाना अधिकारी को महंगा साबित हुवा ।
इस शादी में क्षेत्रीय राजनेता नही हुए थे शामिल,
थानेदार का गरीब जनता की सेवा करना नेतावो को सुई की तरह चुभ गया ओर करवा दिया तबादला ।
यह थी क्षेत्र के बड़े नेतावो को नाराजगी : कुछ दिनों पहले टोंक जिले के दत्तवास थाना परिवार ने अनाथ बेटी की शादी बड़ी ही धूमधाम से कर टोंक जिले में ही नही पूरे देश में नाम किया था । यूं तो पुलिस अपने कारनामों को लेकर चर्चाओं से घिरी हुई रहती है। लेकिन इसी महकमे में कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी है जो खाकी के इकबाल को बुलंद रखते है। ऐसा ही अनूठा काम किया था राजस्थान में टोंक जिले में दतवास थाना पुलिस ने ।दत्तवास पुलिस परिवार ने अनाथ बेटी ममता महावर की धूमधाम से शादी कर के अपनी सोच का परिचय राजस्थान सहित पूरे देश को दिया था । दत्तवास थाना परिवार ने अपनी सोच बदली ओर एक मिसाल कायम कर दिया । पुलिस को अधिकतर अपनी कार्यप्रणाली के लिए भला-बुरा सुनने को मिलता है। लेकिन पुलिस का ऐसा चेहरा सामने आया है, जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। पर यह तारीफ दानेदार का तबादला में बदल गयी । दरअसल कुछ दिनों पहले थानाधिकारी दयाराम चौधरी के नेतृत्व में टौंक जिले के दतवास थाना पुलिस ने एक अनाथ बालिका को गोद लेकर उसका कन्यादान किया । पुलिस ने बालिका के विवाह का पूरा खर्च तो उठाया ही यहां तक कि बरातियों के स्वागत और सत्कार में भी में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। विवाह के सभी कार्यक्रम भी थाना परिसर में ही सम्पन्न किया था ।दतवास गांव की रहने वाली ममता महावर के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया। इसके बाद ईकलौता भाई की 2016 में लम्बी बीमारी से मौत हो गई थी। ममता की मानें तो भाई की बीमारी में उन्हें काफी कर्जा उधार लेना पड़ा था। इसके बाद वह खुद भी मजदूरी करने लगी थी लेकिन फिर भी कर्ज नहीं चुका पा रही थी। पर यह सहरानीय कार्य थानेदार दयाराम चौधरी को महंगा पड़ा । सत्ताधारी नेता यह सहरानीय कार्य नही पचा पाय ओर करवादिया तबादला
जनता की राय:
दत्तवास थाना क्षेत्र को ऐसा थानेदार भविष्य में शायद ही मिल पाए। काफी साल बाद दत्तवास को थानेदार मिला था ।उपतहसील दत्तवास की सोई हुई जनता पर तरस आ रहा है कि ऐसे दानेदार के तबादले के बाद भी कोई भी आंदोलन या रोष सुस्त जनता में नहीं दिखा।क्षेत्र की जनता ने पुलिस अधीक्षक योगेश दाधिच पत्र लिखकर यथास्थान तबादला रोकने की माग की है
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