सरकारी नुमाईदें का आमजन की समस्याओं से कोई सरोकार नही
टोंक (फिरोज़ उस्मानी)
विधानसभा जीत के बाद अब लोकसभा चुनाव में व्यस्त नेताओं का आमजन की समस्याओं से कोई सरोकार नही है। दोनों ही पार्टियां चुनाव से पूर्व बड़े बड़े वादें कर लोगों को लुभाती आई है। लेकिन मूलभूत समस्याओं से लोगों को अब तक झूझना पड़ रहा है।
भाजपा व कांग्रेस दोनों ही सरकारों में टोंक में बिजली व पानी का कोई स्थायी हल नही निकाल पाया है।
जिले के लोग पानी व अघोषित बिजली कटोती से त्रस्त है, जेसे जेसे गर्मी भीषण होती जा रही है, वेसे वेसे ही समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। रोजदारों को तो खासी परैशानी का सामना करना पड़ रहा है।
काफी लम्बें समय से चली आ जिलेवासियों की बिजली व पानी की समस्या से निजात नही मिल रही है। जिले में पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, तो दूसरी और आए दिन बिजली कटोती ने लोगों की कमर तोड़ रखी है। पानी की दो दिन में आने वाली सप्लाई भी लोगों को प्रर्याप्त नही मिल रही है।
कई स्थानों पर सप्लाई शुरू होते ही बिजली कटोती हो जाती है। रात में भी कई घंटों तक बिजली बंद कर दी जाती है। लोग आए दिन जाम व प्रदर्शन करने पर उतारू है। इसी तरह अघोषित बिजली कटोती से इस भीषण गर्मी से जीना मूहाल है। बावजूद इसके समस्या का कोई हल नही हो पा रहा है। जिसके चलते लोगों में खासा रोष व्याप्त है।
बीसलपुर बांध में दिन प्रतिदिन घट रहे पानी की चलते 31 जुलाई तक का ही पानी शेष बचा हुआ है। बीसलपुर का गेज लगातार घट रहा है। गेज 307. 04 रह गया है। बावजूद इसके सबंधित अधिकारी इसे गंभीरता से नही ले रहे है। जलदाय विभाग से 48 घटें में एक बार पानी की सप्लाई दी जा रही है।
शहर के कई मौहल्लों में ये सप्लाई भी नही पहुंच रही है। ताल कटोरा, गुलजारबाग, शार्गिद पैशा, पुरानी टोंक, रजबन, सैय्यद कॉलोनी, कालीपलटन, गड्डा पहाडिय़ा, पंचकुईयां दरवाजा, घटांघर, मोतीबाग, नजरबाग, धन्नातलाई सहित कई क्षैत्रों में पानी की काफी किल्लत है।
उक्त स्थानों पर कुछ मिनट के लिए ही पानी की सप्लाई देने से लोगों में रोष व्याप्त है। दूसरी और रही सही कसर अघोषित बिजली कटोती ने लोगों के जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है।