मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना, 2021

Sameer Ur Rehman
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टोंक। राजस्थान सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना, 2021 सामूहिक विवाह आयोजनों को प्रोत्साहित करने, विवाह में होने वाले अपव्यय कम करने के साथ-साथ बाल विवाह एवं दहेज जैसी कुप्रथाओं को रोक लगाने के उद्देष्य से महिला अधिकारिता विभाग,राजस्थान की अभिनव योजना है। योजना में सामूहिक विवाह कराने वाली ऐसी संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है, जो एक ही स्थान पर न्यूनतम 10 एवं अधिकतम 500 जोड़ो का सामूहिक विवाह करवा रही हों। इस योजना के अन्तर्गत पात्रता शर्ते यथा विवाह के लिए न्यूनतम आयु (वर 21 वर्ष एवं वधू 18 वर्ष), वर/वधु में से कोई राजस्थान का मूल निवासी हो तथा राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीयन अधिनियम, 2009 (2009 का अधिनियम संख्यांक 16) की पालना की गई हो।

महिला अधिकारिता विभाग,टोंक की सहायक निदेशक मैरिंगटन सोनी ने बताया कि सर्वप्रथम संस्थान को राजस्थान एस.एस.ओं. से जीटूसी अनुभाग मेे जाकर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में लॉगिन कर स्वयं को पंजीकृत कराना होगा। पंजीकरण कराने में सफल होने के बाद ही संस्था सामूहिक विवाह के लिए आवेदन करने के लिए अनिवार्य योग्यता प्राप्त कर सकेगी। वर्तमान में इस योजनान्तर्गत समस्त प्रक्रिया ऑनलाईन कर दी गई है। इसके लिए यह अनिवार्य है कि सामूहिक विवाह करवाने वाली संस्था यदि अनुदान के लिए इच्छुक है तो इसे त्।श्रैैव् में पंजीकृत होना अनिवार्य है। किसी भी संस्था द्वारा सामूहिक विवाह आयोजन में अनुदान होने के लिए उसे विवाह तिथि (संभावित) से न्यनूतम 15 दिन पूर्व ऑनलाईन आवेदन करना होगा साथ ही वांछित दस्तावेज यथा वर-वघू के आयु प्रमाण-पत्र, मूलनिवास प्रमाण-पत्र, पहचान पत्र एवं बैंक खाते का विवरण (वधू) भी संलग्न होगा।

सहायक निदेशक ने बताया कि संस्था द्वारा सामूहिक विवाह में आवेदन करते ही जिला स्तर पर उप निदेशक/सहायक निदेशक महिला अधिकारिता द्वारा स्वयं को त्।श्रैैव् में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आवेदनों को देखने एवं निस्तारण के लिए विकल्प दिखता है। जिला स्तरीय अधिकारी, महिला अधिकारिता विभाग व्यू बटन (आई सिम्बल) पर क्लिक करके प्रत्येक संस्था के प्राप्त आवेदनों पर समीक्षा करता है।

इसके अन्तर्गत सहायक निदेषक की प्रत्येक संस्था के आवेदन का विवरण विवाह कार्यक्रम (प्रस्तावित) विवरण, संस्था विवरण, विवाह स्थल विवरण, विवाह स्थल की व्यवस्थाओं का विवरण, सामूहिक विवाह के वास्तविक जोड़ो का विवरण आदि सभी विवरण मिलते है।

संस्था द्वारा विवाह आवेदन भेजने के पष्चात् एवं संस्था के विवरण से संतुष्ट होने के बाद संबंधित अधिकारी जिला कलेक्टर के संज्ञान में लाते हुए संस्था की अनुमति पत्र आदि सामूहिक विवाह के लिए करता है। सामूहिक विवाह अनुदान अधिनियम, 2021 प्रपत्र 4 में संस्था को जारी किया गया अनुमति पत्र सामूहिक विवाह करने की संस्था को अनुमति देता है। जिसके आधार पर संस्था निष्चित तिथि जोड़ो का सामूहिक विवाह कराने एवं अनुदान लेने के लिए अधिकृत होती है। सामूहिक विवाह आयोजन से 7 दिन पूर्व तक संस्था अपने ऑनलाईन आवेदन में संषोधन (परिवर्तन) कर सकती है, 7 दिन के उपरान्त अन्य कोई परिवर्तन नहीं किए जा सकते।

संस्था द्वारा वधुओं के ऑनलाईन बैंक विवरण उपलब्ध होने की स्थिति में विवाह उपरान्त उपस्थिति अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर वधू के खाते में ऑनलाईन 10 हजार रुपये का हंस्तान्तरण होने के पष्चात् संस्था को प्रति जोड़ा 3 हजार रुपये हस्तान्तरित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा वर-वधू का विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र 60 दिवस की समय सीमा में प्रस्तुत करने पर शेष 5 हजार रुपये का वधू के खाते में भुगतान किया जाएगा अन्यथा शेष प्रकरण एवं अनुदान राषि देय नहीं होगी।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/