टोंक। विधानसभा चुनाव सर पर है जिले में राजनीतिक पार्टियों के नेता सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर अपने प्रबल दावेदारी का प्रचार प्रसार कर रहा है तो वैसे इन दिनों सोशल मीडिया के एप फैसबुक पर कुछ लोगों द्वारा फर्जी अकांउट बना अनगर्ल पोस्टे डालने की चर्चा भी आम हो रह रहा है, जिन पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना से अनगर्ल और भ्रामक पोस्टे टोंक के अमन-चैन में खलल डालने का काम कर सक ी है।
सोशल मीडिया समाज के निर्माण और विवाद में बहुत बड़ा भूमिका अदा करता है। सोशल मीडिया जहां समाज में अच्छा वातावरण तैयार कर सकता है, तो व समाज समाज का पर्यावरण विषाक्त करने में भी बहुत बड़ा जहाज बुक कर सकता है।
वर्तमान में चुनावी साल है में सोशल मीडिया लोकप्रियता के प्रसार में एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, जहां व्यक्ति स्वयं को या अपने स्वयं के व्यक्ति को लोकप्रिय बनाने के लिए उपयोग करें धड़ले से कर रहा है।
सोशल मीडिया का एक बहुत बड़ा रोल समाना आ रहा है।
लेकिन सोशल मीडिया के दुरूपयोग भी बढ़ते जा रहा है। आधुनिक ले राष्ट्रीय स्तर से लेना स्थानीय स्तर पर भी चिंताएं व्यक्त की जा रही है। देखने में आ रहा है टोंक में भी फैसबुक पर फर्जी अकांउट बनाकर कुछ लोग अनगर्ल और भ्रामक पोस्ट किया जाता है।
जो राजनीति पर व्यक्तिवाद पर प्रेरित नज़र आ रही है। आश्चर्य की बात है कि प्रशासन इस तरफ आंखे मूंदे हुये है। फेक अकाउंट आईटी एक्ट का खुला-खुला दुरूपयोग है। जो कभी शहर में एक बड़ा तनाव का कारण बन सकता है।
सोशल मीडिया पर कई ऐसे उदाहरण देखे जाते हैं जो किसी व्यक्ति विशेष और जातिवाद पर टिप्पणी की जाती है जोको ले किसी जाति और समुदाय में आपसी टकराव की संभावना बन सकती है।
अगर प्रशासन समय रहता है फैसबुक ओर परट्सेप पर निगरानी कर सम्बंधित व्यक्ति पर कार्यवाही करता है तो शहर में अमन-चैन राशि रखना प्रशासन की अहम भूमिका भूमिका।