प्रशासनीक ढिले रवैयें से बड़ा मालपुरा विवाद, प्रशासन पर भारी पड़ी जनप्रतिनिधियों की मनमानी

liyaquat Ali
5 Min Read

शुक्रवार की घटना रोकने में असफल रहा प्रशासन

https://youtu.be/bTX36pspEMc

मालपुरा (फिरोज़ उस्मानी)। शहर में गुरूवार को टोडारायसिंह रोड पर समुदाय विशेष के लोगों द्वारा कावड यात्रियों पर किए गए हमले में 13 कावडियों के घायल होने के बाद प्रशासन ने घटना को गम्भीरता से नही लिया, महज धारा 144 लगा कर स्थिति को काबू में होने के दावे कर दिए। मालपुरा शहर में प्रशासन पर जनप्रतिनिधियों की मनमानी भारी पड़ गई। शुक्रवार को घटित घटना को रोका जा सकता था। लेकिन प्रशासन की ढिलाई के कारण शहर में खुलेआम पथराव व आगजनी की घटनाएं हुई। धारा 144 लगाने के बाद भी सांसद व विधायक की अगुवाई में सैकड़ो की भीड़ जुट गई।

Big Malpura dispute with administrative loopholes, arbitrariness of heavy public representatives on administration

डाक बंगले में सांसद सुखबीर सिंह जोनापुरिया, विधायक कन्हैयालाल चौधरी, जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी, जिलाध्यक्ष गणेश माहुर सहित अन्य भाजपा नेता डाक बंगले पहुचे, जहां मौजूद सैकडों हिन्दू समाज के लोगों तिरंगा यात्रा निकालने पर अड़े रहें। देखते ही देखते शहर में कई दुकानों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया गया। बावजूद इसके प्रशासन आखें मूंदें खड़ा दिखाई दिया। इसके बाद जिला कलक्टर द्वारा कफ्यू की घोषणा कर दी। हांलाकि प्रशासन पूरे मामले को लेकर काफी गंभीर है, शांति व्यवस्था करने के पूरे प्रयास किए जा रहे है। मालपुरा पूरी तरह बंद है। इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगाई हुई है।


सांसद व मालपुरा विधायक की अगुवाई में निकली यात्रा

पुरानी तहसील में जमा सैकडों लोगों ने आनन फानन में ज्ञापन के दौरान तिरंगा यात्रा निकालने की भी घोषणा कर दी। देखते ही देखते सभी के हाथों में तिरंगा लहर गया। सांसद और विधायक के नेतृत्व में सैकडो लोग पुरानी तहसील से रवाना होकर माणक चौक बाजार से अस्पताल की ओर घूमें तो अचानक मौहल्ला नीलगरान के यहां समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। दोनो पक्षों में हुए पथराव व बिगडते हालातों को देख प्रशासन ने आसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग भी किया। करीब एक घण्टे से अधिक चले पथराव को देखते हुए जिला कलेक्टर आर.सी. डेनवाल ने आनन फानन में प्रशासन की खामियों को छिपाने के लिए शहर में कफ्र्यू की घोषणा कर दी।

दुकानें फूंकी

वहीं भीड़ ने द्वारा सुभाष सर्किल, मुसाफिर खाने की दुकानों में आग लगा दी, तो जामा मस्जिद में छिपे लोगों ने पुलिस व आमजन पर पथराव किया गया जिससे हालात बेकाबू हो गए। शहर में दो समुदायों के बीच उपजे साम्प्रदायिक तनाव के बाद मालपुरा शहर में भरतपुर, जयपुर, अजमेर, व टोंक सहित अन्य स्थानों से एसटीएफ की टुकडियों सहित 500 से अधिक जवान व अधिकारियों का जाप्ता तैनात कर दिया। पुलिस अधीक्षक योगेश दाधीच ने मालपुरा थाने पर तत्काल सीएलजी की बैठक बुलाई जिसमें मस्जिद के बाहर नमाज तो तिरंगा यात्रा सहित किसी भी प्रकार का ज्ञापन व प्रदर्शन नही करने का निर्णय लिया, वही कलेक्टर ने भी उपजे तनाव में प्रशासनिक गलती को स्वीकारा।

आधा दर्जन से अधिक लोगों को लिया हिरासत में

अजमेर रेंज आई.जी. बीजू जार्ज जोजफ ने भी मालपुरा पहुचकर शहर के हालातों का जायजा लिया और बिगडी कानून व्यवस्था पर नाराजगी जताई। उन्होने अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। वही दूसरी ओर विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कावडियों को हमले के बाद वायरल विडियों के आधार पर आधा दर्जन से अधिक चिन्हित कर हिरासत मे लेने व जामा मस्जिद में छिपे तीन दर्जन से अधिक लोगों को पुलिस हिरासत में लिए जाने की जानकारी सामने आई है।

हिंदू समाज की ओर से अजय गंगवारिया की ओर से दस नामजद लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। शहर में चप्पे चप्पे पर कडा पुलिस जाप्ता तैनात होने के बावजूद समुदाय विशेष द्वारा आसपास के गली मौहल्ले में बार बार पथराव करने व दोपहर में एक युवक पन्नालाल चौधरी पर जानलेवा हमला करने के बाद महिलाओं ने सडकों पर उतर प्रशासन को आडे हाथों लिया। शुक्रवार के दिन कस्बे के बाजार पूर्णतय बंद रहे।

Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *