भारत पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए, 20 पैटन टैंकों का कब्रिस्तान बनाने वाले रघुवीर सिंह राजावत नही रहे,

Firoz Usmani
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Tonk News (भावना बुन्देल) 1965 के भारत- पाक युद्ध के दौरान खेमकरन- लाहौर सैक्टर में आसल उत्तर की लड़ाई में राजपूताना राइफल्स की एक बटालियन के कमाण्डर के रूप में टैंकों के बीच गोलों की बौछार झेलते हुए दुश्मन के आम्र्ड डिवीजन पर निर्णायक हमला किया और रणभूमि को 20 पैटन टैंकों का कब्रिस्तान बना दिया था।

उनकी इस बहादुरी और साहसपूर्ण नेतृत्व के लिए 7 दिसम्बर 1965 को तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा गैलन्ट्री अवार्ड के रूप में उन्हें ‘महावीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था। ऐसे वीर योद्धा ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह राजावत का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने 98 वर्ष की उम्र में अन्तिम संास ली।

ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह राजावत की बहादुरी पर भारत सरकार ने वीरता पदक महावीर चक्र से सम्मानित किया था। उनके निधन से उपखण्ड क्षेत्र में शोक व्याप्त हो गया। टोंक जिले के सोडा ग्राम में जन्मे ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह का जन्म 2 नवम्बर 1923 में ठाकुर प्रताप सिंह राजावत के घसर हुआ था। राजावत ने 1943 से 1974 तक द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था।

देश के लगभग सभी प्रदेशों में ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र की सेवा के दौरान अनेक एशियाई और यूरोप के देशों राजावत ने उच्च सैन्य पदों पर रहते हुए अपनी नेतृत्व क्षमता और शौर्य का परिचय भी दिया था।

अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों, मैडलों और प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित ब्रिगेडियर ने 1971 में बांग्लादेश युद्ध के एक लाख बन्दियों के कैम्प की निगरानी का दायित्व भी कुशलतापूर्वक निभाया था।

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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।