महिलाओं एवं बच्चों में सुपोषण, एनीमिया एवं पूर्व प्राथमिक शिक्षा को लेकर बेहतर ढंग से कार्य करें- चिन्यमी गोपाल

Better work on nutrition, anemia and pre-primary education in women and children - Chinyami Gopal

Tonk News। टोंक जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल महिलाओं एवं बच्चों में सुपोषण, एनीमिया की स्क्रीनिंग व उपचार एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूर्व प्राथमिक शिक्षा में बेहतर ढंग से कार्य करने को लेकर तत्पर है।

टोंक जिला कलेक्टर के नवाचार के तहत 13 से 25 फरवरी तक स्नेह एवं सुपोषण शिविर का आयोजन राजीव गांधी सेवा केंद्रों पर किया जाएगा। जहां 12 दिन तक अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाया जाएगा।

साथ ही चिकित्सा विभाग द्वारा कुपोषण दूर करने के लिए मेडिकल सप्लीमेंट दिए जाएंगे, ताकि बच्चों में पोषण की कमी दूर हो सके।

जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बुधवार को जिला परिषद सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा एवं पंचायती राज के अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए।

इस दौरान सीईओ देशलदान, एडीएम शिवचरण मीणा, महिला एवं बाल विकास के उपनिदेशक सरोज मीणा, सीडीईओ केसी कोली सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि महिला एवं बच्चों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। इसके लिए गर्भवती महिला एवं होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को ट्रेक किया जाना चाहिए।

गर्भवती महिला एनीमिया से पीड़ित नहीं होनी चाहिए इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। एनीमिया से पीड़ित महिला के प्रसव में हाई रिस्क की संभावना रहती है, जो महिला एवं बच्चे दोनों के लिए खतरा है।

एनीमिया पीड़ित महिला द्वारा जन्म दिए गये शिशु के भी एनीमिया से पीड़ित होने की संभावना बनी रहती है। जिन नवजात शिशुओं का वजन कम होता है व कुपोषण का शिकार रहते है।

इसलिए एनीमिया से बचाव के लिए महिला एवं बच्चों के सामाजिक, आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि महिला एवं बच्चों के खाने में 5 न्यूट्रेशन का समावेश कैसे हो इसके लिए जिले के खान-पान को ध्यान में रखते हुए डाइट चार्ट बनाया जाए।

टोंक जिला कलेक्टर ने कहा कि मेडिकल विभाग द्वारा एनीमिया से बचाव के लिए दी जाने वाली आयरन की गोली को लेकर आमजन में मौजूद भ्रांतियों को भी दूर करने की आवश्यकता है।

टोंक जिला कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूर्व प्राथमिक शिक्षा एवं बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि बच्चों को खेल-खेल में और चार्ट के माध्यम से वर्णमाला, अल्फाबेट, अंकों की गिनती, रंग व आकृतियों की पहचान, बॉडी पार्ट के नाम, फलों व सब्जियों के नाम, जानवरों व पक्षियों की पहचान एवं वर्क बुक किलकारी, उमंग, फुलवारी पर बच्चों के साथ गंभीरता से कार्य किया जाएं।