टोक/उनियारा(माजिद मोहम्मद)।राज्य सरकार द्वारा एक ओर जहां ग्रामीण महिलाओं को परिवार नियोजन के तहत ग्रामीण क्षेत्र की अंचल महिलाओं को नसबंदी करवाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिलाओं के माध्यम से जागरूक अभियान चला रही है। वहीं दूसरी ओर नसबंदी शिविर के समापन के दौरान महिलाओं को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस ओर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है। वहीं शनिवार को उनियारा के सामुदायिक अस्पताल में नसबंदी शिविर आयोजित किया गया। यहां देखने में आया कि नसबंदी शिविर संपन्न होने के बाद महिलाएं घंटों तक वाहनों का इंतजार करती रही। वही देखने में आया कि कुछ महिलाओं की तबीयत भी खराब हो गई।परन्तु फिर भी मौके पर कोई भी जिम्मेदार चिकित्सक मौजूद नहीं था। इस दौरान एक ओर महिलाएं जाने के लिए पूछ रही थी वहीं दूसरी ओर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी महिलाएं खरी-खोटी सुना रही थी। दूर ग्रामीणों से आई हुई महिलाएं 4-5 घंटे तक इंतजार करती रही। लेकिन इतना होने के बाद भी किसी भी चिकित्सा अधिकारी ने सुध नहीं ली। कई महिलाएं तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के भरोसे नसबंदी करवाने आई थी। लेकिन उनका सब्र का बांध टूटता नजर आया। एक ओर जहां सरकार लाखों रुपए परिवार नियोजन योजनाओं पर खर्च कर रही हैं तथा जगह-जगह नसबंदी करवाने के लिए महिलाओं को जागरूक कर रही है। वहीं दूसरी ओर ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं जिससे महिलाएं अपने आपको कोसती ही नजर आ रही है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले समय में इन योजनाओं की तरफ से मोह भंग होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।