
Tonk News । स्थानीय वन महकमा में तैनात अधिकारियों की अंधेरगर्दी के चलते वन क्षेत्रों से वन सम्पदा अब धीरे धीरे खुर्दबुर्द होने लगी है। लेकिन विभागीय अधिकारी इस और ऑख मूंदे हुए है। यह आरोप रेल लाओं संघर्ष समिति के अध्यक्ष अकबर खांन ने लगाया है।
अकबर खांन ने राज्य के शासन सचिव वन एवं पर्यावरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक जयपुर को लिखे अलग अलग पत्र में बताया कि जिले के नोहटा वन क्षेत्र में तैनात वन कर्मी की मिलीभगत से अभी बीते कुछ माह पहले निर्मित की गई चार दीवारी में एक अतिक्रमी को अनुचित लाभ देते हुए मुख्य मार्ग पर तीन चार बेशकीमती दुकानों के लिए जगह छोडते हुए दीवार चुनवा दी । जिस पर उप वन सरंक्षक ने निवाई रैंजर को उक्त कार्मिक के विरूद्ध कार्यवाही करने एवं किये गये अतिक्रमण वन भूमि में शामिल करने के निर्देश के बावजूद आज तक मिलीभगत के कोई कार्यवाही नही की गई ।
इसी प्रकार सोहेला वन क्षेत्र में वन कर्मियों द्वारा पांच छ लठैतों के बल पर अवैध रूप से बनास नदी से बजरी से भरकर आने वाले ट्रेक्टर ट्रॉली को हथोना की और जाने वाले मार्ग के मध्य रोक कर प्रति टेªक्टर की चौथ वसूली की जाने का आरोप भी लगाया है। उन्होने यह भी बताया कि सोहेला वन नाका प्रभारी पर पूर्व में कीमती पत्थर खनन करवाने के आरोप लग चुके है।
निवाई में बीते दिनों धडल्ले से बिना रोक टोक चल रहे अवैध खनन के समाचार लगने पर विभाग द्वारा पहाड के पीछे छापा मारा गया तो कई टेक्टर मौका देखकर भाग छुटे तथा एक टेªक्टर मौके पर अवैध खनन भरता पकडा गया । वही रैंज कार्यालय के सामने ही नगर पालिका की निर्मित रोड़ पर उनकी मौजूदगी में झींकरे के सैकडों टेªक्टर डाले गये हैंे, लेकिन विभागीय स्तर पर रैजर द्वारा कोई कार्यवाही नही करना संदेह प्रकट करता है।
रेल लाओं संघर्ष समिति के अध्यक्ष अकबर खान ने राज्य के वन सचिव एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक को लिखे पत्र में मांग की है कि वे आकस्मिक निरीक्षण करे तो वन कार्मिकों की अवैध खनन माफियांओं से की गई सांठगांठ का पता चल सकेगा । वही राज्य सरकार को मिलेने वाले जुर्माने बतौर राजस्व का नुकसान नही हो सकेगा ।