पीपलू (ओपी शर्मा) वैसे तो उपखंड पीपलू तहसील क्षेत्र मे दो थाने मौजूद है और चौबीसों घन्टे क्षेत्र की निगरानी रखते हुए अवैध गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं । व हायवे पर शराब पीने वालों पर कार्यवाही भी करते रहते हैं।
लेकिन वहीं मेगा- स्टेट हायवे सोहैला- डिग्गी मार्ग 117पर टोल कर्मचारियों द्वारा नशे का खुल कर सेवन किया जा रहा है उस पर थानों की कोई नजर नहीं है जहां एक ओर इस हायवे पर रात दिन महिलाओं, पुरुषों ,बच्चों की रेलमपेल व जिला प्रशासन के आलाधिकारी गुजरते रहते है लेकिन टोल पर उच्च अधिकारी इतने मेहरबान है की टोल के पास सडक किनारे पडी शराब की बोतलें तक दिखाई नहीं देती । मामला 5 फरवरी शनिवार सुबह हाडीखुर्द के पास लगें टोल नाके का है जहां टोल से कुछ ही दूरी पर एक टेंकर ने बोलेरो गाडी के टक्कर से दो जाने चलीं गई व एक व्यक्ति गभीरं घायल हो गया। जहां टोल पर ना तो ऐम्बुलेंस मिली व नाही प्राथमिक उपचार पेटी वही मिडिया ने उपचार पेटी से सम्बंधित जानकारी जुटाना चाही तो उपचार पेटी तो नजर नहीं आई लेकिन शराब की बोतलों का कार्टून नजर आया जिसमे करीब एक दर्जन शराब की खाली बोतलें टोल नाके के पास पडी हुई नजर आई । जबकि क्षेत्रीय थाने की गाडियां दिन भर टोल से करीब चार चक्कर लगाती है लेकिन पुलिस की भी नजर टोल पर हो रही अवैध गतिविधियों पर नहीं है। आखीरकार क्यों आंख मूदे बैठे सम्बंधित थाने ।
नशे मे टोल कर्मचारी किसी के साथ बत्तमीजी करे तो पहचानना ही मुश्किल।
वैसे तो टोल पर कर्मचारियों की पहचान के लिए ड्रेस कोड व आय कार्ड का होना जरुरी है लेकिन इस टोल पर किसी राहगीर के साथ नशे मे यह टोल कर्मचारी कोई अन्होनी घटना कर दे तो पहचान करना ही मुश्किल हो जाये। टोल पर आये दिन अन्य जिलों से कर्मचारी आते रहते है जिसकी सम्बंधित थानों मे मुसाफिरी तक मौजूद नहीं है ।
इनका कहना है– टोल पर हो रही अवैध गतिविधियों पर सम्बन्धित थानों को निर्देश देकर कार्रवाई करवाई जायेगी।
(मनीष त्रिपाठी, जिला पुलिस अधिक्षक ,टोंक)
इनका कहना है – टोल पर शराब की बोतले मिलना एक गभीरं मामला है । अजमेर पीडी को अवगत करवाया जायेगा व कार्रवाई की जायेगी।
(सदींप माथुर, आरएसआरडीसी, जयपुर)