Tonk / नारी वर्तमान समय में अपने परिवार की समृद्धि के लिए पुरूषों के साथ कदम मिला रही है: बंसल

liyaquat Ali
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राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय छावनी में ब्लॉक स्तरीय अध्यापिका मंच कार्यशाला के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित करते न्यायाधीश पंकज बंसल

Tonk news : टोंक अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टोंक पंकज बंसल द्वारा राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय छावनी में ब्लॉक स्तरीय अध्यापिका मंच कार्यशाला के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

सचिव पंकज बंसल ने उपस्थित महिला अध्यापकगण को बताया कि नारी वर्तमान समय में अपने परिवार की समृद्धि के लिए पुरूषों के साथ कदम मिलाकर चल रही है। महिलाओं को शोषण से बचाने हेतु भारतीय संविधान में नारी अधिकारों की व्यवस्था दी गई है। भारतीय संविधान के अनुचछेद 39 में पुरूष और स्त्री नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है।

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में पुत्रों के साथ साथ पुत्रियों को भी सम्पत्ति में बराबर का अधिकारी माना गया हैं। पत्नी को भी पति की सम्पत्ति पर पूरा हक़ दिया गया है। इसी प्रकार भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498ए के तहत भी महिलाओं को कई अधिकार दिए गए हैं। यदि किसी महिला के साथ उसका पति या पति का रिश्तेदार कु्ररूरतापूर्वक व्यवहार करता है तो ऐसी महिला भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498ए के तहत पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवा सकती है।

यदि पुलिस उचित कार्यवाही नहीं करती है तो वह स्त्री न्यायालय में परिवाद पेश कर सकती है। दोषी पाए जाने पर दोषी व्यक्ति को 3 वर्ष की जेल व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। घरेलू हिंसा रोकने हेतु घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम वर्ष 2005 में पारित किया गया है जिसे 26.10.2006 से देशभर में लागू किया गया है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य घरेलू रिश्तों में हिंसा की शिकार महिलाओं को विधिक संरक्षण प्रदान करना है। शिविर में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

इस अवसर पर सचिव पंकज बंसल ने विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित की जा रहीे कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की। उनके द्वारा नालसा द्वारा संचालित तस्करी एवं वाणिज्यिक यौन शोषण पीडितों के लिये विधिक सेवाऐं योजना, आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण और प्रवर्तन के लिये विधिक सेवाऐं योजना, मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्याक्तियों के लिये विधिक सेवाऐं योजना, नालसा आपदा प्रबन्धन योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

विधिक जागरूकता शिविर के दौरान श्री बंसल ने अपने उद्बोधन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित स्थाई लोक अदालत/पब्लिक यूटिलिटी सर्विसेज़, नि:शुल्क विधिक सहायता, पीडित प्रतिकर स्कीम-2011 के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।  उन्होनें बालिकाओं व महिलाओं के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में एवं पीडि़त प्रतिकर स्कीम के बारे में विशेष रूप से जानकारी प्रदान की और बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीडित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत विभिन्न अपराध के पीडि़तों को दी जाने वाली सहायता राशि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

पीडित प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत ब्लात्संग, पुनर्वास, एसिड हमले से पीडित, बाल दुरूपयोग और व्यपहरण जैसे मामलों में पीडित को राहत स्वरूप प्रतिकर राशि प्रदान की जाती है। श्री बंसल ने यह भी बताया कि यदि कोई एसिड हमलों की पीडि़त हो तो उसे पीडि़त प्रतिकर स्कीम के तहत तुरन्त सहायता दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा न्यायाधीश महोदय ने दिनांक 08.02.2020 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत व उसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी प्रदान की एवं उपस्थित महिलाओं को यह जानकारी अपने विद्यालय व गाँव में प्रदान करने हेतु प्रेरित किया जिससे कि लोग लाभ प्राप्त कर सकें।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पंकज बंसल द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे कार्यों तथा चलाये गये अभियानों के बारे में भी अवगत कराया। इस अवसर पर उपस्थित सीबीईओ श्रीमती दुर्गेश चतुर्वेदी ने भी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे नवाचारों के बारे में विस्तृत  जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में ब्लॉक आर.पी. सियाराम मीणा, अधिवक्ता अशोक कुमार साहू एवं अन्य अध्यापकगण उपस्थित रहे।

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