Tonk /गृह जिले में तैनात बीसलपुर परियोजना देवली टोंक अतिरिक्त कम भूमि अवाप्ति अधिकारी पुनर्वास सरकार द्वारा बनाई गई नीति के विपरित कार्य

मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कलेक्टर को भेजा पत्र

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Tonk News । राजस्थान उच्च न्यायालय राजस्थान जयपुर के अधिवक्ता लक्ष्मीकान्त शर्मा एडवोकेट (मालपुरा वाला) ने बीसलपुर परियोजना देवली टोंक अतिरिक्त कम भूमि अवाप्ति अधिकारी पुनर्वास के पद पर राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीति के विपरित गृह जिले में आरएएस अधिकारी करतारसिंह को तैनात करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, जिला कलेक्टर को पत्र भेजकर तुरंत प्रभाव से पद से हटाने एवं उनके द्वारा अब तक किए गए निर्णयों व अवाप्ति की कार्यवाही को निरस्त की न्यायोचित्त कार्यवाही करने की मांग की है।

राजस्थान उच्च न्यायालय एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा (मालपुरा) ने अपने परिवादी नानू गुर्जर पुत्र जयराम गुर्जर उम्र 50 वर्ष निवासी थावला तहसील देवली जिला टोंक की ओर से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव कार्मिक, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय, महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों जयपुर, जिला कलेक्टर टोंक को पत्र भेजकर अवगत कराया कि उनको मुवक्किल नानू गुर्जर पुत्र जयराम गुर्जर उम्र 50 वर्ष निवासी थावला तहसील देवली जिला टोंक का निवासी है तथा बीसलपुर बांध क्षेत्र का विस्थपित है। राज्य सरकार द्वारा दिनांक 26 दिसम्बर 2019 को राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) अधिकारियों की स्थानान्तरण सूची जारी की गई थी।

उसमें करतार सिंह आ.ए.एस. को उपायुक्त जयपुर नगर निगम से अतिरिक्त कलेक्टर कम-भूमि अवाप्ति अधिकारी (पुर्नवास) बीसलपुर परियोजना देवली जिला टोंक में पदस्थापित किया गया था। राज्य सरकार के द्वारा बनायी गई नीति के तहत किसी भी आरएएस अधिकारी का पदस्थापन उसके गृह जिले में नहीं किया जा सकता।

इसके बावजूद दिनांक 26 दिसम्बर 2019 की स्थानान्तरण सूची में करतार सिंह का पदस्थापन गैर कानूनी व अवैधानिक रूप से उसके स्वंय के गृह जिले की गह तहसील देवली में कर दिया, जो कि नियमानुसार तथा राज्य सरकार द्वारा तय की गई निति व नियमों के विपरित है। उन्होंने भेजे पत्र में बताया कि करतार सिंह पुत्र सुखराम सिह गवारिया जिनकी जन्म दिनांक 7 जनवरी 1965 है तथा उनका मूलत: ग्राम नेगडिया कासीर देवली जिला टोंक के मूल निवासी है एवं राज्य सरकार की आरएएस अधिकारियों की वेबसाईट पर भी करतार सिंह का गृह जिला टोंक उल्लेखित है किन्तु इसके बावजूद जारी की गई स्थानान्तरण सूची में उनका पदस्थापन गलत तरीके से टोंक जिले में किया गया जो कि सरकार की नीति के विपरित है।

करतार सिंह पुत्र सुखराम सिंह गवारिया ग्राम नेगडिया कासीर (देवली) जिला टोंक जो कि स्वंय भी बीसलपुर बांध परियोजना के आरएल 314 मीटर के डूब क्षेत्र में ग्राम नेगडिया (कासीर) के विस्थापित के रूप में राज्य सरकार द्वारा दिनांक 16. 07.2002 को करतार सिंह के पक्ष में बतोर बीसलपुर विस्तापित मुआवजा जिनका नाम दिनांक 16.07.2002 को जिला कलेक्टर टोंक द्वारा जारी की गई मुआवजा प्राप्त करने वाली सूची में कम संख्या 34 पर अंकित है।

इन्हें प्लाट नं. 14 साईज 40&60 बीसलपुर पुर्नवास कॉलोनी पनवाड़ चतुर्थ में आवंटित किया गया था। उन्होंने मांग करते हुए बताया कि कार्मिक विभाग की पत्रावलियों व वेबसाईट तथा टोंक जिला कलेक्टर द्वारा करतार सिंह पुत्र सुखराम सिंह गवारिया का समस्त रिकोर्ड / दस्तावेजों में उसका गृह जिला टोंक दर्शित हो रहा है। इन सब तथ्यों व आधारों पर इस पत्र प्राप्ति के 7 दिवस के भीतर कार्यवाही कर करतार सिह पुत्र सुखराम सिंह गवारिया (आरएएस) अतिरिक्त कलेक्टर पुर्नवास एवं भूमि अवाप्ति अधिकारी बीसलपुर परियोजना देवली जिला टोंक को इस पद से हटाने की कार्यवाही अमल में लावे तथा करतार सिंह द्वारा दिनांक 26 दिसम्बर 2019 के बाद कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से किये गये से अब तक किये गये सभी निर्णयों, अवाप्ति की कार्यवाही को निरस्त फरमाने की कार्यवाही अमल में लावे।

साथ ही करतार सिंह के अतिरिक्त कलेक्टर पुर्नवास एवं भूमि अवाप्ति अधिकारी बीसलपुर परियोजना देवली जिला टोंक के काम करने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगाते हुए यथोचित, न्यायोचित कार्यवाही करने का श्रम करे। अन्यथा बाद गुजर जाने मियाद मेरे मुवक्किल द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में आपके द्वारा अपनायी गई गलत नीतियों के विरूद्ध याचिका दायर करने को मजबूर होना पड़ेगा।