Tonk News (फ़िरोज़ उस्मानी)। अपना कोई बिछड़ जाए तो गमो का पहाड़ टूट जाता है, वो भी उम्र के उस पड़ाव में जब सबसे ज़्यादा परिवार ही मायने रखता है। ऐसा एक मामला टोंक में सामने आया है। अपनो से बिछड़ी 65 वर्षीय मानसिक विक्षिप्त महिला ऊद्दी को ज़िला प्रशासन व सामाजिक महिला कार्यकर्ताओं की मदद से परिवार को सौंपा है।
मालपुरा थाना क्षेत्र में थाना कर्मियों द्वारा 19 फरवरी को मानसिक विक्षिप्त 65 वर्षीय महिला घुमती मिली। जिसे पुलिसकर्मी सखी वन स्टॉप टोंक छोड गये । सखी वन स्टॉप ने महिला की दशा देख उसे प्राथमिक उपचार के लिए सआदत अस्पताल मेें दिखाया।महिला की सूचना जब कुछ सामाजिक महिला कार्यकर्ताओं को लगी तो वो उससे मिलने पहुची।
प्रशासन ने दिखाई रुचि
वही अतिरिक्क्त कार्यवाहक जिला कलेक्टर नवनीत कुमार ने इस कार्य के लिए लेखाधिकारी ग्रामीण विकास परिषद टोंक शंकरलाल हाथीवाल एवं सामाजिक कार्यकर्ता नीलिमा आमेरा को उसके परिजनों को तलाश करने की जिम्मेदारी सौपी। दी। महिला की बोलचाल की भाषा में उससे जानकारी ली तो महिला ने अपना नाम ऊद्दी ब व भीपुर की रहने वाली बताया।
परिजनों को तलाशा
महिला के बारे में काफी जानकारी जुटाने के बाद पता लगा कि उक्त महिला जयपुर जिले की आमेर पंचायत समिति में बगडवा ग्राम पंचायत के ग्राम भीपुर की है। लेखाधिकारी शंकरलाल हाथीवाल एवं नीलिमा आमेरा ने जब भामाशाह वेबसाईट पर उक्त महिला के नाम को तलाशा तो सही पाया । वेबसाईट पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जब परिजनों से सम्पर्क किया । परिजनों ने बताया कि वो उसकी मां ही हैं ।
घर से लापता थी
बताया कि यह 8 फरवरी से गुमशुदा हैं तथा निरंतर तलाश की जा रही हैं । इसके गुम हो जाने के विज्ञापन भी प्रकाशित करवाये गए थे। सूचना पर परिजन टोंक आये एवं अपनी वृद्ध मां को देख मारे खुशी के ऑसू छलक पडे । पतिवारजन ने प्रशासन व सामाजिक महिला कार्यकर्ताओं धन्यवाद दिया। प्रशासन ने पूरी पडताल कर वृद्धा उद्दी को उसके परिजनों को सुपुर्द किया । परिजन अपनी वृद्ध मां को पाकर बहुत खुश थे ।
जिला प्रशासन की अनूठी पहल से मानसिक विक्षिप्त महिला ऊद्दी को तलाश कर उसे उसके परिजनों को संभलवाया । जहां उसके परिजन अपनी बिछुडी मॉ का पाकर जिला प्रशासन टोंक का सहयोगी कार्मिक एवं सामाजिक महिला कार्यकर्ता का आभार करते नही थक रहे है।