Tonk News । जिले के आंवा कस्बे में एक युवक की मौत का कारण कोरोना समझ कर ग्रामवासियों ने शव को जलाने से इंकार कर दिया। कस्बे में भय का सा माहोल बन गया। लोग मान बैठे कि कोरोना ने गाँव में दस्तक दे दी है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए सरपंच दिव्यांश महेन्द्र भारद्वाज ने कलेक्टर के.के. शर्मा से बात की। इस पर उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वे इस की पड़ताल कराये कि मौत का कारण कही कोरोना तो नहीं है।
बाद में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने स्थानीय चिकित्सक से मृतक की जाँच करवाई। तब पता चला कि युवक मी मृत्यु कोरोना वायरस से नहीं हुई। इसके बाद गाँव वालों की साँस में साँस आई और उसका अंतिम संस्कार होने दिया। शनिवार को सुबह आँवा निवासी मज़दूर शयोज़ी पुत्र कल्याण बैरवा (42) की लम्बी बीमारी के बाद मृत्यु होगई। लोगों में अफ़वाह फैल गई कि ये युवक तो कोरोना वायरस से मरा है। ग्रामीण ग्राम पंचायत आँवा पहुंचे और उन्होंने सरपंच भारद्वाज से कहा कि जब तक ये पता नहीं चल जाता की उक्त युवक की मृत्यु कोरोना से नहीं हुई है शव को जलाएँ नहीं। बाद में जब पता चला कि इसकी कोरोना से मृत्यु नही, हुई तो सब अंतिम संस्कार करवाने के लिए सहमत हो गये और होगया अंतिम संस्कार।
सरपंच भारद्वाज ने खुद किया हाईपोक्लोराइड सप्रे
कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरपंच दिव्यांश महेन्द्र भारद्वाज ने आँवा क़स्बे में सेनेटराईजेशन करवाया। कई इलाक़ों में कोरोना के डर से मजदूरों ने मजबूरी बताते हुए छिडक़ाव करने से मना कर दिया तो ख़ुद सरपंच ने ही उन इलाक़ों में सोडियम हाईपोक्लोराइड से सप्रे कर सेनेटराईजेशन किया।