Jaipur News : क्रिक्रेट का महाकुंभ (Cricket Mahakubh) शुरू होते ही सट्टे बाज (satte baaj) हुए सक्रिय आज शहर के हरमाड़ा थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आईपीएल क्रिकेट मैच पर चल रहे सट्टे (satte ) का कारोबार चला रहे तीन आरोपियों (Three accused) को गिरफ्तार( arrested) किया हैं ।
वहीं पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 38 हजार रुपए नगर और 92 लाख रुपए के हिसाब किताब की पर्चियां बरामद की हैं। सटोरियों के पास से जो ब्रीफकेसनुमा केस मिला है उसमें उन्होनें सट्टे की इंटरनेशनल लाइनें भी ले रखी थी। पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है।
थानाधिकारी लाखन सिंह खटाणा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि सीकर रोड़ (Sikar road)पर अनोखा गांव की बालाजी बिहार में स्थित एक मकान में किक्रेट मैच पर सट्टा चल रहा है। इस पर एक पुलिस टीम का गठन किया गया और मकान की घेराबंदी कर छापा मारा तो एक कमरे में कुछ लोग कलकत्ता नाइट राइडर और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच चल रहे मैच पर सट्टा चल रहे थे । जो पुलिस को देखकर भागने लगे लेकिन पुलिस ने उन तीनों आरोपियों को दबोचा लिया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार सटोरिए आरोपी राजेश कुमार निवासी थोई सीकर ,अमरसिंह सोनी निवासी श्रीमाधोपुर और मुकेश कुमार जाट हांसपुर निवासी है । पुलिस ने मौके से 51 मोबाइलों की अटैची,1 एलईडी,1 लेपटॉप और बालेरों गाडी भी बरामद की हैं। खुद के मोबाइल फोन में भी कई कॉल्स और लोगों से बातचीत का ब्यौरा है। साथ ही जो डायरियां मिली हैं उनमें करीब नब्बे लाख रुपए से भी ज्यादा का हिसाब मिला है। पुलिस फिलहाल तीनों आरोपियो से पुछताछ कर रही हैं।
क्रिकेट सट्टे के लिए मकान किराए पर
इन्होंने करीब दो—तीन महिने पहले ही मकान किराए पर लिया था। पुलिस का मानना है कि यह बुकी राजस्थान और बाहर के कई राज्यों या फिर देशों में बैठे बुकीज से संपर्क में थे। इनके पास मिले मोबाइल फोन की सिम कौन सी आईडी से जारी हुई है। इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी।
सट्टा खेलने से पहले सटोरियों को खुलवाना पड़ता है अकाउंट
जानकारी के अनुसार सटोरियों को एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते उतरते हैं।
एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है। यदि किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को ह्यमैंने चवन्नी खा ली कहना होता है। खास बात यह है कि यह पूरा नेटवर्क आधुनिक संचार प्रणाली लेपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकार्डर आदि पर ही चल रहा है। सावधानी इतनी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर यूज हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता।