गहलोत और शशि थरूर के बीच होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय पद के लिए नामांकन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 24 सितंबर से नामांकन शुरू हो जाएंगे और 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 25 से 28 सितंबर तक दिल्ली दौरे पर हैं, सीएम गहलोत के दिल्ली दौरे को सियासी हलकों में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के नामांकन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 28 या 29 सितंबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे।

सीएम गहलोत से जुड़े विश्वस्त लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री गहलोत 25 सितंबर को शाम दिल्ली पहुंचने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। उसके बाद 28 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। सीएम गहलोत केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के समक्ष नामांकन दाखिल करेंगे।

गहलोत के नाम पर बन चुकी है सहमति

विश्वस्त सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर शीर्ष स्तर पर मंथन हो चुका है और आम सहमति भी बन चुकी है और पार्टी आलाकमान की ओर से साफ कर दिया हया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष गैर गांधी परिवार से होगा।

ऐसे में मुख्यमंत्री का नाम पिछले कई महीनों से अध्यक्ष पद के लिए दौड़ में सबसे आगे हैं। बताया जाता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर के बीच मुकाबला होगा, जिस तरह से सोमवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोनिया गांधी से लंबी मुलाकात की थी, उसके बाद माना जा रहा है कि शशि थरूर को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी गई है।

ऐसे में अब शशि थरूर और अशोक गहलोत के बीच मुकाबला होगा। शशि थरूर के चुनाव लड़ने के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि इसके जरिए कांग्रेस आलाकमान देशभर में ही संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र हैं और कांग्रेस में चुनाव लड़ कर ही अध्यक्ष बना जा सकता है।

कांग्रेस गलियारों में चल रही चर्चाओं की माने तो पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगले साल फरवरी में पेश किए जाने वाले सरकार के पांचवें और अंतिम बजट तक मुख्यमंत्री रह सकते हैं। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट में करीब 8 से 9 जिलों की घोषणा और पूरा बजट युवाओं पर फोकस करेंगे।

ऐसे में पांचवें और अंतिम बजट को मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी आलाकमान से भी बात कर ली है। ऐसे में बजट सत्र के बाद ही किसी ओर र को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाओं का दौर चल पड़ा था। पायलट खेमे से जुड़े नेताओं ने भी अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग आलाकमान से कर डाली थी तो वहीं दिल्ली में भी सीएम गहलोत को ही सबसे विश्वस्त और अनुभवी नेता के तौर पर आगे किया जा रहा है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/