सरकारी भूमि पर काबिज काश्तकारों को नियमानुसार भूमि नियमन की होगी कार्यवाही- राजस्व मंत्री जाट

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर / राजस्व मंत्री रामलाल जाट (Revenue Minister Ramlal Jat) ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि डूंगरपुर जिलें में कई वर्षों से बिलानाम भूमि पर जो अतिक्रमी काबिज है और नियमों की श्रेणी में आते है तो ऎसे काश्तकारों को प्रशासन गावों के संग अभियान के अन्र्तगत आयोजित होने वाले फॉलोअप कैम्प में भूमि आवंटन के प्रयास किये जायेंगे।

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श्री जाट ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि प्रशासन गाँवों के संग अभियान के अन्र्तगत डूंगरपुर जिले में सिवायचक या बिलानाम भूमि पर जो गैर खातेदार काश्तकार काबिज थे उनको सबसे अधिक भूमि आंवटित की गई है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान डूंगरपूर में 1842, बिछिवाड़ा में 2361 एवं डांगड़ा में 731 काश्तकारों को भूमि आंवटित की गई। उन्होंने आश्वस्त किया कि फिर भी कोई अतिक्रमी जो राजकीय भूमि पर काबिज है और नियमाें में आते है उन्हें भूमि आवंटित की जायेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसके नियमन के नियम बने हुए है और नियमों के अनुसार चार हैक्टेयर से ज्यादा भूमि आंवटित नहीं की जा सकती ।

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उन्होंने बताया कि वन अधिकार नियम-2005 के अनुसार वन भूमि पर वन अधिकार पट्टे देने के लिए तीन स्तर पर समितियां गठित की गई थी। जिनमें ग्राम पंचायत, उपखण्ड एवं जिला कलेक्टर के स्तर पर यूपीए सरकार के समय समिति बनाई गई थी। उन्होंने बताया कि इन समितियों के समक्ष जो आवेदन आये है उनका निस्तारण किया गया है, फिर भी जो व्यक्ति वर्ष 2005 से पूर्व वन भूमि पर काबिज है और नियमों में आता है वे समिति के समक्ष आवेदन कर सकते है।

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राजस्व मंत्री ने बताया कि डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र के मालमाथा व झालण क्षेत्र में वनभूमि पर वनाधिकार पट्टे देने के आवेदन प्राप्त हुए है। उन्होंने बताया कि मालमाथा में कुल 466 आवेदनों में से 232 स्वीकृत एवं 234 निरस्त किये गये है। इसी तरह झालण क्षेत्र में प्राप्त 114 आवेदनों में से 28 स्वीकृत एवं 86 आवेदन निरस्त किये गये है।

इससे पहले विधायक  गणेश घोघरा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया कि कई काश्तकार बिलानाम व चारागाह भूमि पर काबिज है। विधानसभा क्षेत्र डूंगरपुर में जो आदिवासी कई वर्षों से चरागाह भूमि पर काबिज है और काश्त कर रहे है, मकान बना कर रहे है उनको खातेदारी हक वर्तमान नियमों एवं न्यायालय निर्णय के परिपेक्ष्य में संभव नहीं है। बिलानाम भूमियों पर काबिज पात्र/भूमिहीन सदभावी काश्तकारों को प्रशासन गांवों के संग अभियान 2021 में भूमि आवंटन/नियमन किए गए है।

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उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 16 नवम्बर 2021 के द्वारा कृषि प्रयोजन हेतु गैर मुमकिन भूमि पर किये गये अतिक्रमणों के नियमन की तिथि 15 जुलाई 2004 एवं सिवायचक भूमि पर किये गये अतिक्रमणों के नियमन की तिथि 01 जनवरी 2015 तक कर दी गयी है। राजस्व विभाग से जारी पत्र दिनांक 16 दिसम्बर 2021 के द्वारा सभी जिला कलक्टर्स को उनके क्षेत्राधिकार में नियमन/आवंटन योग्य कृषि भूमि के आवंटन/नियमन में प्रगति लाई जाने एवं इस दृष्टि से लम्बित प्रकरणों का शत प्रतिशत निस्तारण करवाया जाकर शासन को पालना रिपोर्ट भिजवाये जाने हेतु निर्देशित किया है।

राजस्व मंत्री ने बताया कि राजस्थान भू-राजस्व (कृषि प्रयोजनार्थ भूमि आवंटन) नियम, 1970 के नियम 20 में अतिक्रमियों को भूमि नियमित कर आवंटन का प्रावधान है। ऎसी भूमियां जो उक्त नियमों के नियम – 4 में वर्णित प्रतिबंधित श्रेणी की भूमियां नहीं है एवं नियम 20 के तहत विहित शर्तों की पूर्ति करती है, को नियमित किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र डूंगरपुर की पंचायत समिति बिछीवाड़ा के राजस्व ग्राम मालमाथा व झालण की भू-राजस्व रेकार्ड में वन भूमि में दर्ज है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम