5जी नेटवर्क के फ्रीक्वेंसी क्षेत्र में बढ़  रहा है शरीर का तापमान

liyaquat Ali
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अब 5जी यानी पांचवीं पीढ़ी के नेटवर्क के प्रसार की तैयारियां जोरों

नई दिल्ली

इंटरनेट की दुनिया में सबसे तेज 4जी नेटवर्क के बाद अब 5जी यानी पांचवीं पीढ़ी के नेटवर्क के प्रसार की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। दुनिया भर में इंटरनेट की बढ़ती मांग के कारण 4जी नेटवर्क अब ओवरलोडिंग का शिकार हो रहा है। इससे निपटने के लिए 5जी को लाया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि 5जी के आने से हमारे रहन-सहन का तौर-तरीकों में नाटकीय बदलाव देखने को मिल सकता है।

मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ेगी और आरएफ सिग्नल की ताकत बहुत ज्यादा

इस नेटवर्क का प्रसार होने के बाद रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) विकिरण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभावों के बारे में चिंता भी जताई जा रही है। 5जी नेटवर्क के शुरू होने पर जाहिर सी बात है मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ेगी और आरएफ सिग्नल की ताकत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में विकिरण से स्वास्थ्य खराब होने की आशंका भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नियामक प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित सुरक्षा के मानकों का पालन होता रहेगा तब तक आरएफ से डरने की जरूरत नहीं है।

रेडिएशन यानी विकिरण शब्द भ्रम साथ-साथ भय और गलतफहमी भी पैदा करता है। उन्होंने कहा कि विकिरण दो प्रकार के होते हैं-आयनीकृत और गैर-आयनीकृत। मोबाइल उपकरणों से निकलने वाला विकिरण गैर-आयनीकृत होता है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित नहीं हुआ है। लेकिन उन्होंने कहा कि आयनीकृत विकिरण से सावधान रहने की आवश्यकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी आरएफ सिग्नलों के संपर्क में आने की आशंकाओं को कम किया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, आरएफ के परिक्षेत्र में आने से शरीर का ताप बढ़ता है और तापमान में मामूली वृद्धि लोगों के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करती है। डॉ. वैभव मिश्रा के मुताबिक, सूर्य द्वारा उत्सर्जित पराबैंगनी किरणें (यूवी) प्रकृति में आयनीकरण का कारण बन सकती हैं। मिश्रा ने कहा कि इससे हमारी कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

दरअसल विकिरण का सवाल इसीलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 5जी की गति 4जी के मुकाबले कई गुना ज्यादा होगी और इसके लिए तीव्र विकिरण की भी आवश्यकता होती है। लेकिन अभी तक किसी भी वैश्विक अध्ययन में इस विकिरण से मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभावों के तथ्य सामने नहीं आए हैं। जिसके आधार पर माना जा रहा है कि 5जी लोगों के शरीर प्रभावित नहीं करेगा।

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