महिला IAS की नही चली जिद लौटना पड़ा राजस्थान,अब अनुशासनहीनता की लटकी तलवार

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ राजस्थान केडर की और मूल रूप से बिहार की रहने वाली महिला आईएएस आखिर नहीं चली और केंद्र सरकार बिहार सरकार राजस्थान सरकार ने उसके सारे प्रयासों पर पानी फेर दिया और आखिर उन्हें 6 साल बाद वापस लौट कर राजस्थान आना पड़ा और राजस्थान आते ही सरकार ने उसे एपीओ करने के साथ ही नियमों के विरुद्ध 5 साल से अधिक रहने और अनुशासनहीनता करने के कारण उन पर अनुशासनहीनता की तलवार लटक गई है।

महिला आईएएस अधिकारी श्रीमती पूनम सन 2005 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और वह मूल रूप से बिहार की रहने वाली है तथा नियमों के तहत व अक्टूबर 2016 में बिहार में प्रतिनियुक्ति पर गई थी और उनका प्रतिनियुक्ति काल जो नियमों के तहत अधिकतम 5 साल हो सकता है।

इससे अधिक वह प्रतिनियुक्ति पर रह गई और इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार बिहार सरकार राजस्थान सरकार से अपना खेड़ा राजस्थान से बदलकर स्थाई रूप से बिहार करने के लिए केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय और राजस्थान के कार्मिक विभाग को आवेदन किया था लेकिन उनका आवेदन पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध और केंद्र सरकार सहित दोनों राज्य सरकारों ने इसे ठुकरा दिया और इसके बाद आखिर महिला आईएएस अधिकारी पूनम को राजस्थान लौटना पड़ा और राजस्थान लोड थी ।

राज्य सरकार ने उसे एपीओ कर दिया है दर्द उसी और कार्मिक विभाग ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय कर केंद्र के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग और बिहार राज्य सरकार को अपनी आपत्ति भी दर्ज कराइए कार विभाग के मंत्री होने के नाते मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दी गई थी ।

कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गेरा ने इस संबंध में पूरा प्रकरण विस्तार से तैयार कर लिया है और अब कभी भी आईएएस पूनम पर अनुशासनहीनता की तलवार गिर सकती है।

आईएएस पूनम का प्रतिनिधि का सफर ऐसा रहा

आईएएस अधिकारी पूनम अक्टूबर 2016 में 3 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर बिहार चली गई थी गेमों के तहत 3 साल सितंबर 2019 ताकि उनका प्रतिनिधि कार्यकाल था लेकिन उसके बाद उन्होंने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अपनी प्रतिनियुक्ति 1 साल के लिए बढ़ा ली केंद्र राजस्थान वह बिहार सरकार ने विशेष परिस्थितियों को देखते हुए इसकी स्वीकृति दे दी फिर उनका प्रतिनियुक्ति कार्यकाल एक साल बढ़ने से अक्टूबर 2020 तक पूरा हो गया।

इसके बाद आईएएस पूनम ने एक बार फिर से कोरोना का हवाला देकर 1 साल के प्रतिनियुक्ति मांगी लेकिन इसकी स्वीकृति नहीं मिली तब आईएएस पूनम ने केक अर्थात प्राधिकरण की शरण ली और वहां से उन्हें 1 साल की प्रतिनियुक्ति फिर मिल गई यह प्रतिनिधित्व अक्टूबर 2021 में ही समाप्त हो गई थी।

लेकिन इसके बाद भी आईएएस पूनम ने सवा साल से अधिक बिना प्रतिनियुक्ति के ही बिहार में निकाल दिया जो नियमों के विरूद्ध अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना जाता है आईएएस पूनम बिहार में प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले राजस्थान में बीकानेर डूंगरपुर बूंदी और सवाई माधोपुर जिलों में जिला कलेक्टर रह चुकी थी।

प्रतिनियुक्ति में अपने मूल कैडर पर जाने के क्या है नियम

केंद्र सरकार के नियमों में स्पष्ट है कि कोई भी आईएएस अधिकारी या आईपीएस अधिकारी अपनी सर्विस के डर से होमस्टेट में जा सकता है लेकिन वह ऐसा पूरी सर्विस के दौरान कुल मिलाकर अधिकतम 5 साल तक कि अपने होमस्टेट अर्थात गृह राज्य में रह सकता है इससे अधिक समय तक रहने का मामला आज तक देश में कभी सामने नहीं आया है यह पहला ऐसा मामला है जिसमें आईएस पूनम प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद भी सवा साल तक बिहार में रुकी रही।

हाल ही में राजस्थान के डर से फरवरी 2019 से फरवरी 2022 तक आईएएस अधिकारी डॉ रवि सुरपुर अपने होम राज्य कर्नाटक में रहकर वापस आ गए उससे पहले 2009 में तमिलनाडु के डर के हरसहाय मीणा अपने गृह राज्य राजस्थान 3 साल रह कर वापस गए और साल 2015 की यूपीएससी परीक्षा में सेकंड टॉप पर रहे और अतहर आमिर खान भी फरवरी 2021 से अपने गृह प्रदेश कम कश्मीर गए हुए हैं।

आईएएस और आईपीएस की सेवा में पति-पत्नी अगर दोनों अधिकारी हो तो उन्हें यह सुविधा दी जा सकती लेकिन दोनों ही एक ही प्रदेश कैडर में स्थाई रूप से बदलाव करवा सकते हैं ।

लेकिन इसमें भी ग्रह प्रदेश कैडर नहीं दिया जाता जैसे कि आई ए एस अधिकारी राजस्थान टेंडर अलॉट हुआ है और उनकी पत्नी को महाराष्ट्र के ऐसे में पति को महाराष्ट्र या पत्नी को राजस्थान के डरा लोड किया जा सकता है लेकिन उनका ग्रह पर प्रदेश क्रमशः महाराष्ट्र राजस्थान है तो फिर यह अलॉटमेंट नहीं हो सकता ।

राजस्थान में सन 2010-12 मैं ए के साथ चर्चित मामला आया था तब का नाटक मूल के निवासी आईएएस अधिकारी बी शरण शिक्षण परीक्षा में कार्यक्रम में अमेरिका गए थे उसके बाद से वह आज तक वापस राजस्थान नहीं लौटे केंद्र सरकार राजस्थान सरकार के स्तर पर कई बार नोटिस देने के और पत्रकार के बावजूद वापस नहीं लौटे तब आखिर में केंद्र सरकार ने उनकी सेवा समाप्त कर दी।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम