टोंक। रबी फसलों में बुवाई की तैयारी को लेकर किसानों के लिए खाद बीज की आवश्यकता को देखते हुए जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल की अध्यक्षता में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला कलेक्टर ने कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
टोंक जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने जिला स्तर पर 11 टीमों का गठन किया है, जो प्रतिदिन खाद बीज विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का सघन निरीक्षण करेंगी। जिसमें अधिकृत विक्रेताओ के गोदामो में उपलब्ध खाद का निरीक्षण किया जाएगा। जिसमें अनियमितता पाए जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही यह टीम प्रतिदिन जिला कलेक्टेªट कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, ताकि किसानों को उचित दर पर उर्वरक उपलब्ध हो सकें। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी विक्रेता के पास उर्वरक उपलब्ध नहीं है एवं पोस मशीन में स्टॉक उपलब्ध है, तो ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएं।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखें और यदि किसी प्रकार का उर्वरक का अवैध भंडारण पाया जाता है, तो उसकी सूचना तुरंत टीम को देवे, ताकि नियमानुसार कार्रवाई की जा सके।
जिला कलेक्टर ने सूचना नहीं देने वाले कृषि विभाग के कार्मिकों के विरुद्ध भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उप निदेशक कृषि राधेश्याम मीणा ने बताया कि संयुक्त निदेशक कृषि आदान कृषि आयुक्तालय जयपुर को सितंबर माह में 25 हजार मैट्रिक टन यूरिया, 15 हजार मैट्रिक टन डीएपी व 12 हजार मैट्रिक टन एसएसपी की मांग की गई है। बैठक में कोऑपरेटिव सोसाइटी के सीसीएमडी, कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर, कृषि सांख्यिकी के सहायक निदेशक सुगर सिंह मीणा भी मौजूद रहे।