Shahpura News – (मूलचन्द पेसवानी) श्री प्र.सिं.बा.राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन समारोह के अवसर पर अन्तर-राष्ट्रीय कवि डाॅ. कैलाश मण्डेला ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए बताया कि विधाता की सृष्टि में हर मानव अद्वितीय है।
महापुरुष हमारे आदर्श हो सकते हैं, परन्तु महापुरुषों के दिव्य गुणों से अपने चरित्र का उत्कर्ष करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार कर स्वयं अपने आचरण से इतिहास रच सकते हैं।
डाॅ. मण्डेला ने शाहपुरा के गौरव बारहठ बन्धुओं पर काव्यमयी प्रस्तुति से स्वयंसेवकों को आनन्दित किया। संचिना अध्यक्ष कलाधर्मी रामप्रसाद पारीक ने अपने उद्बोधन में कला को मन के आनन्द का बहता हुआ झरना बताते हुए कहा कि विविध कलाएँ सांस्कृतिक परिवेश का निर्माण करती है।
कलाकार के समस्त क्रियाकलाप प्रेरणादायी होने चाहिए। पारीक ने कन्याजन्म विषयक नाट्य के माध्यम से नारी महिमा का बखान करते हुए नारी उत्पीड़न के प्रति सामाजिक चेतना जगाने का संदेश दिया। प्राचार्य डाॅ. हरमल रेबारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवकों को सामाजिक सरोकारों से जुड़कर पूरे विश्व को सुन्दर बनाने का प्रयास करते हुए सामाजिक समरसता, सौहार्द, विश्वबन्धुत्व एवं प्राणिमात्र के कल्याण के महनीय अनुष्ठान में अपना योगदान देना चाहिए।
डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद ने स्वयंसेवकों से सामाजिक चेतना एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु सजग रहने की अपील की। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम प्रभारी प्रो. रामावतार मीना ने सप्त दिवसीय विशेष शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम अधिकारी प्रो. मूलचन्द खटीक ने समापन समारोह का संचालन किया।