स्वामी रामचरण महाप्रभु त्रिशताब्दी प्राकट्य महोत्सव-बनवाड़ा में ध्वजारोहण से हुआ नंदोत्सव का आगाज

liyaquat Ali
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Shahpura News ( मूलचन्द पेसवानी ) : अंतर्राष्ट्रीय श्रीरामस्नेही सम्प्रदाय के प्रवर्तक स्वामी रामचरण महाप्रभु की पैतृक स्थली बनवाड़ा में सोमवार को उनके 300 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में नंदोत्सव का आयोजन होगा। नंदोत्सव को लेकर बनवाड़ा रामद्वारा को लाइट, डेकोरेशन, फुलवारी के साथ सजाया गया हैं। बनवाड़ा में सभी दिशाओं से आने वाले रास्ते पर स्वागत द्वारा बनाए गए हैं। स्वयंसेवकों द्वारा गांव के सभी मार्गों की साफ-सफाई की जा रही हैं।

इससे पूर्व स्वामी रामचरण महाप्रभु त्रिशताब्दी प्राकट्य महोत्सव के अंर्तगत रविवार को प्राकट्य महोत्सव के तीसरे दिन सोड़ा प्राकट्य स्थल श्री रामस्नेही धाम में नवनिर्मित स्वामी रामचरण शब्द स्मारक का दीप प्रज्जवलन का जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज ने लोकार्पण किया। यह शब्द स्मारक यहां आने वाले भक्तों व अनुरागियों को महाप्रभु रामचरण जी महाराज का संदेश शब्दों के माध्यम से प्रेरित करेगा। आज लोकार्पण मौके पर वरिष्ठ संत रामनारायण देवास, संत जगवल्लभराम महाराज मौजूद थे। इस दौरान सोड़ा श्रीरामस्नेही धाम में आज संत सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें ढूंढाड़ के टोंक सहित आस पास के क्षेत्रों के अलावा मेवाड़ मंडल, नागौर के संतों ने शिरकत किया।

सोमवार सुबह इस मौके पर बनवाड़ा में शोभायात्रा जुलूस का आयोजन होगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय श्रीरामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा पीठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज सहित कई संत हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार शाम तक देश-विदेश से भी रामस्नेही श्रद्धालु रामस्नेही संप्रदाय के मुख्य तीर्थ स्थल बनवाड़ा धाम पर पहुंचे हैं।

रामद्वारे के नवनिर्मित भवन का भी होगा लोकार्पण-

बनवाड़ा धाम पर नवनिर्मित बनवाड़ा रामद्वारा का उद्घाटन भी सोमवार को संप्रदाय पीठाधीश्वर स्वामी रामदयाल महाराज के कर कमलों से किया जाएगा। इसके बाद पीठाधीश्वर चांदसेन रामद्वारा का भी उद्घाटन करेंगे। सोमवार को शोभायात्रा जुलूस धर्म सभा तथा भंडारा प्रसादी के आयोजन होंगे। विदित रहे की अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के 4 तीर्थ स्थल शाहपुरा, भीलवाड़ा, सोडा, बनवाड़ा है।

स्वामी रामचरण महाप्रभु का पैतृक गांव हैं बनवाड़ा-

300 वर्ष पूर्व राजस्थान प्रदेश के ढूंढाढ़ अंचल के सोड़ा ग्राम में ऐसे बालक का अवतरण हुआ, जो बड़ा होकर स्वामी रामचरण महाराज के नाम से जग विख्यात हुआ। जिन्होंने अंधकार में भटकतेे समाज को केवल राम नाम सुमिरन से एक नई दिशा दी। श्री रामनिवास धाम से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी रामचरण महाराज का जन्म माघ शुक्ला चतुर्दशी शनिवार संवत 1776 को राजस्थान प्रदेश के सोड़ा ग्राम में हुआ। इनके बचपन का नाम रामकिशन तथा जाति से विजयवर्गीय कापड़ी गौत्रिय थे। स्वामी रामचरण महाराज की जन्मस्थली सोड़ा उनके जन्म के समय जयपुर राज्यान्तर्गत थी। जिसको सूरसेन ग्राम के नाम से जाना जाता था। वर्तमान में इनका पैतृक गांव बनवाड़ा टोंक जिले की पीपलू तहसील तथा ननिहाल जन्म स्थान गांव सोड़ा टोंक जिले की मालपुरा तहसील में स्थित है।

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