मौत के आगोश में शिक्षण कार्य करने पर बाध्य छात्र-छात्राएं

Azad Mohammed nab
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जहां विद्यालय भवन के छत की पटिया टूटी हुई है।ऐसे कन्डम भवन में शिक्षण कार्य बना मजबूरी। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुड्डा का है मामला। विद्यालय भवन 45 साल से अधिक पुराना है। क्या कमरे क्या बरामदे यहां तक कि संस्था प्रधान के कमरे की छत की पट्टीया तक टूटी हुई है। और ना ही विद्यालय के चार दिवारी।फिर भी 1 से 12 तक की कक्षाएं संचालित। जिसमें 225 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। संस्था प्रधान ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि इस विद्यालय को 1955 56 में उच्च प्राथमिक विद्यालय व 2008 -09 में माध्यमिक विद्यालय का दर्जा मिला। वही 2015 -16 में उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया।विद्यालय को साल दर साल क्रमोन्नत किया गया मगर विद्यालय के 45 साल पुराने भवन की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। 6 कक्षा कक्षों में 12वीं तक की कक्षाएं संचालित करना मजबूरी। इन 6 कक्षा कक्षों में भी एक कमरे की तीन पट्टी या टूटी होने से वह उपयोग लायक नहीं रहा जिसके चलते उसमें विद्यालय का उपयोगी सामान रखा जाता है। जबकि एक से पांच तक की कक्षाएं आंगनबाड़ी के नवनिर्मित भवन में संचालित की जा रही है। बच्चों के पोषाहार बनाने वाले किचन में भी पानी टपक रहा है जिससे दाल में पानी स्वत ही आसमान से गिरता है। किचन में भी सूखा सामान रखने तक की जगह नहीं है। संस्था प्रधान ओम प्रकाश मीणा ने बताया कि विद्यालय भवन की मांग को लेकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर रमसा अधिकारियों तक और लिखित मौखिक रूप से अवगत कराया मगर आज तक भवन की मांग अधूरी है।

जहाजपुर

(आज़ाद नेब )

जहां विद्यालय भवन के छत की पटिया टूटी हुई है।ऐसे कन्डम भवन में शिक्षण कार्य बना मजबूरी। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुड्डा का है मामला।
विद्यालय भवन 45 साल से अधिक पुराना है। क्या कमरे क्या बरामदे यहां तक कि संस्था प्रधान के कमरे की छत की पट्टीया तक टूटी हुई है। और ना ही विद्यालय के चार दिवारी।

फिर भी 1 से 12 तक की कक्षाएं संचालित। जिसमें 225 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। संस्था प्रधान ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि इस विद्यालय को 1955 56 में उच्च प्राथमिक विद्यालय व 2008 -09 में माध्यमिक विद्यालय का दर्जा मिला। वही 2015 -16 में उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया।

विद्यालय को साल दर साल क्रमोन्नत किया गया मगर विद्यालय के 45 साल पुराने भवन की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। 6 कक्षा कक्षों में 12वीं तक की कक्षाएं संचालित करना मजबूरी। इन 6 कक्षा कक्षों में भी एक कमरे की तीन पट्टी या टूटी होने से वह उपयोग लायक नहीं रहा जिसके चलते उसमें विद्यालय का उपयोगी सामान रखा जाता है। जबकि एक से पांच तक की कक्षाएं आंगनबाड़ी के नवनिर्मित भवन में संचालित की जा रही है।

बच्चों के पोषाहार बनाने वाले किचन में भी पानी टपक रहा है जिससे दाल में पानी स्वत ही आसमान से गिरता है। किचन में भी सूखा सामान रखने तक की जगह नहीं है। संस्था प्रधान ओम प्रकाश मीणा ने बताया कि विद्यालय भवन की मांग को लेकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर रमसा अधिकारियों तक और लिखित मौखिक रूप से अवगत कराया मगर आज तक भवन की मांग अधूरी है।

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आज़ाद मोहम्मद नेब में दैनिक रिपोर्टर्स के आलावा एडिटर स्मार्ट हलचल, रिपोर्टर HNN news, tv100 ,लाइव टुडे, साधना प्लस, सरेराह, हुक्मनामा समाचार, जयपुर टाइम्स साथ काम करता हू .पत्रकारिता से आमजन की बात प्रशासन तक पंहुचाना मेरा मकसद है . whatsapp 8890400865, 8058220365
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