जयपुर/ राजधानी में आज प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला के सामने सार्वजनिक रूप से एक शिक्षक ने जोरदार हंगामा कर दिया हंगामा इस कदर हो गया कि उसे पकड़कर समारोह के बाहर ले जाना पड़ा और बाद में शिक्षक को पुलिस पकड़ कर थाने तक ले गई।
शिक्षक दिवस पर आज जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का कार्यक्रम था इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला थे समारोह के दौरान मंच पर जाकर उर्दू के शिक्षक उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने शिक्षा मंत्री डॉ कला को उर्दू शिक्षकों की बदहाली और किताबों को लेकर उनको समस्याएं बताई।
लेकिन अमीन कायमखानी को मंत्री चित्रकला की ओर से संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने और अनदेखी होने पर शिक्षक अमीन कायमखानी ने मंच के नीचे आकर भरे समारोह के बीच जोरदार हंगामा किया और चिल्ला चिल्ला कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा की पालना नहीं की जा रही है।
उर्दू की किताबें तक नहीं है उर्दू शिक्षकों और स्कूलों में उर्दू विषय की बदहाली है लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो रही है वह लगातार जोर जोर से चिल्ला कर हंगामा करते रहे इस पर बढ़ता हंगामा देखते हुए वहां मौजूद कुछ कार्मिक और निजी व्यक्ति शिक्षक अमीन कायमखानी को पकड़कर हॉल से बाहर ले गए।
लेकिन वह तब भी जोड़ जोड़ कर अपना विरोध जताते रहे अमीन कायमखानी ने यहां तक कहा कि निजी व्यक्तियों की हिम्मत कैसे हो गई मुझे पकड़कर बाहर लाने की और जोर-जोर से हंगामा करते रहे तब जाकर पुलिस ने उनको पकड़ा और अशोक नगर थाने लेकर गई लेकिन कुछ समय बाद पुलिस में उर्दू शिक्षक तथा उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन कायमखानी को छोड़ दिया।
समारोह के दौरान मंत्री डॉ कला के समक्ष भरे समारोह में उर्दू शिक्षक अमीन कायमखानी द्वारा किए गए इस जबरदस्त हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रहा है और सब तरफ इसकी चर्चा है । चर्चाओं का बाजार किस कदर गर्म है कि लोग कानाफूसी कर रहे हैं।
कि एक भरे समारोह में कैबिनेट स्तर के शिक्षा मंत्री का शिक्षक दिवस पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में इस तरह की जबरदस्त बेइज्जती और आसमान एक शिक्षक ने किया शिक्षक ने अपनी पीड़ा मंत्री द्वारा नहीं सुनने पर हार्दिक रूप से उजागर की लोगों का तो कहना है कि यह तो एक उर्दू विषय को लेकर उर्दू के शिक्षक ने किया है।
हंगामा लेकिन राजस्थान में करीब 80 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी के शिक्षक अभी पूरी तरह से पिछले कई सालों से तबादले नहीं होने के कारण सरकार के प्रति आक्रोशित हैं और उनका यह आक्रोश इसी तरह कहीं फुटकर लावा ना बन जाए ?