श्रीगंगानगर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मंगलवार को सिंचाई विभाग में लगा एक सीनियर क्लर्क को दो हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। यह रिश्वत सिंचाई के लिए खाला बनवाने की एवज में ली गई थी। यह रिश्वत की आखिरी किश्त थी। इससे पहले रिश्वत की रकम की दो किश्तें ले चुका था। लेकिन इस बार रिश्वतखोर आरोपी की चालाकी काम नहीं आई और वह एसीबी के जाल में फंस गया।
एसीबी के एएसपी ढिंढारिया ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी महेंद्र सिंह (43) निवासी ताल कॉलोनी, सूरतगढ़ जिला श्रीगंगानगर है। वह गंगानगर के ही श्री विजय नगर में अनूपगढ़ शाखा, खंड प्रथम में सिंचाई विभाग के अधिशासी कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक है। उसके खिलाफ गांव गोमावाली, रामसिंहपुर, श्रीगंगानगर के रहने वाले मोहनलाल ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी।
काम करवाने के लिए पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी
परिवादी ने शिकायत में बताया कि उसकी जमीन में बना सिंचाई खाला उसके पड़ौसी किसान ने तोड़ दिया था। इसकी शिकायत मोहनलाल ने पुलिस थाने में दर्ज करवाई थी। अब सिंचाई विभाग के स्तर पर सिंचाई खाला बनवाने के संबंध में एप्लीकेशन दी थी। इसे बनाने की एवज में वरिष्ठ लिपिक आरोपी महेंद्र सिंह ने परिवादी मोहनलाल से 5000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। फिर सौदा 3100 रुपए में तय हुआ।
तीसरी आखिरी किश्त में एसीबी के जाल में फंस गया बाबू
एएसपी राजेंद्र ने बताया कि आरोपी महेंद्र सिंह ने परिवादी मोहनलाल से तीन किश्तों में रिश्वत की रकम लेने पर रजामंदी दी थी। इसके तहत महेंद्र सिंह ने पहले 600 रुपए लिए। फिर सोमवार को 500 रुपए लिए। इसके बाद तीसरी और आखिरी किश्त में दो हजार रुपए देना तय हुआ। परिवादी मोहनलाल ने बुधवार को ज्योंही तीसरी किश्त में 2000 रुपए की रिश्वत दी। तभी एसीबी ने आरोपी महेंद्र सिंह को धरदबोचा। उससे पूछताछ की जा रही है।