राजस्थान में विधायको की फिर जासूसी शुरू, गहलोत ने माना कांग्रेस कमजोर

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा हो या कांग्रेस इनको अपने ही पार्टी के विधायकों पर पार्टी के प्रति समर्पण है या नहीं इसका विश्वास नहीं और समर्थन देने में वाले विधायकों पर भी दोनों ही पार्टियों को भरोसा नहीं है और इस भरोसे की परीक्षा जब-जब भी पार्टियां या सत्ता संकट में आती है या राज्यसभा के चुनाव होते हैं तब अपनी ही पार्टी के विधायकों की जासूसी कराई जाती है । अब एक बार फिर सत्तापक्ष कांग्रेस द्वारा राज्यसभा चुनाव को लेकर अपनी ही पार्टी और समर्थन देने वाले विधायकों की जासूसी शुरू कर दी गई है ।

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के एक्शन टेकन कैंप में स्वीकार किया कि पहले से कांग्रेस अभी वर्तमान में कमजोर है और इसके लिए सबको कड़ी मेहनत करनी होगी।

राज्यसभा चुनाव मे भाजपा के समर्थन से अपना पर्चा दाखिल करने वाले चुनावी समर में कूदे सुभाष चंद्रा ने राजस्थान में गहलोत सरकार की नींद उड़ा कर रख दी है वहीं मुख्यमंत्री गहलोत के लिए डबल चिंता का विषय है क्योंकि पार्टी के ही कुछ विधायक मुख्यमंत्री गहलोत से और सरकार से नाराज हैं इन दोनों ही मामलों को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत काफी चिंता में है और संभावित डैमेज कंट्रोल को संभालने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं कमान अपने हाथ में ले रखी है।

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को अपना वोट नहीं देने की संभावना के साथ ही क्राॅस वोंटिग की आशंका को लेकर बीटीपी के दो विधायक और तीन निर्दलीय विधायकों सहित कुल 6 विधायकों और अन्य कुछ विधायकों पर भी इंटलीजेंसी की निगरानी बढ़ा दी गई है । इंटेलिजेंस और पुलिस की पैनी नजर इन विधायकों से मिलने जुलने वालों तक पर टिकी हुई है

विदित है कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के द्वारा जुलाई 2020 में पायलट की अगुवाई में हुई बग़ावत और उससे पहले जून 2020 में हुए राज्य सभा चुनाव में भी इसी तरह विधायकों की जासूसी कराई गई थी।

भाजपा समर्थक राज्यसभा के निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के कांग्रेसी खेमे के कुछ विधायकों से निजी अच्छे रिश्ते हैं सुभाष चंद्रा और भाजपा के नेताओं ने मिलकर कांग्रेस के कुछ विधायकों से संपर्क किया हुआ है इसकी भनक के बाद सरकार ने खुफिया तंत्र को मजबूत कर दिया है ।

आज कांग्रेसमें अपने विधायकों की बाडेबंदी करते हुए सभी विधायकों को उदयपुर के होटल ताज अरावली में रवाना कर दिया है यह होटल ताज अरावली वही होटल है जहां पिछले माह 13 मई से 15 मई तक कांग्रेसका चिंतन शिविर हुआ था।

नेता नहीं करते काम कांग्रेस हो रही कमजोर

राज्यसभा चुनाव से पहले होने वाले बाडेबंदी से पूर्व जयपुर में आयोजित कांग्रेस के एक्शन टेकन कैंप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहां की पार्टी आज कमजोर हो रही है पार्टी के नेता मे नये सदस्य बनवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं । जनता में कांगेस के प्रति कोई माहौल नहीं है ।

कार्यकर्ताओं में निराशा है ।जबकि पहले पार्टी के नेता जिलों में जाते थे काम करते थे कार्यकर्ताओं से मिलते थे पार्टी के सदस्य बनाने के लिए बैठके करते थे उन बैठकों में कार्यकर्ता बोलते थे कमियां बताते थे पार्टी की उन कमियों को सुधार किया जाता था विचारों होता था लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। चिंतन करें तो आज और उस समय के हालात में बहुत अंतर है आज हमें 100 गुना मेहनत करने की जरूरत है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम