जयपुर/ जयपुर नगर निगम के तरीके निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के निलंबन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद गहलोत सरकार को तगड़ा झटका लगा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सौम्या के एक बार फिर से मेयर बनने की राह खुल गई है।
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई में तमाम दलीले सुनने के बाद सौम्या गुर्जर के राज्य सरकार के 6 जून के निलंबन के आदेश पर स्टे लगा दिया गया है।
जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एमएम सुंदरेष की खंडपीठ के समक्ष ये सुनवाई हुई। इसमें राजस्थान सरकार की तरफ़ से अति. महाधिवक्ता डॉ.मनीष सिंघवी ने पक्ष रखा था, जबकि सौम्या की तरफ से अधिवक्ता अमन पेश हुए थे।
हालांकि सौम्या गुर्जर कब दोबारा मेयर की कुर्सी पर बैठेगी ? या फिर थोडा मुश्किल है क्योंकि कोर्ट के आदेशों की कॉपी मिलने के बाद सरकार की ओर से इसका रिव्यू किया जाएगा। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
घटनाक्रम
राज्य सरकार ने 6 जून को सौम्या गुर्जर को मेयर पद से और अन्य तीन पार्षदों को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ हुए विवाद के बाद निलंबित कर दिया था। इस निलंबन के बाद राज्य सरकार ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी।
सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इस पूरे प्रकरण में न्यायिक जांच होने तक दखल देने और निलंबन के आदेशों पर स्टे देने से इंकार कर दिया।
हाईकोर्ट के राहत नहीं मिलने के बाद सौम्या गुर्जर के समर्थन में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पहले 4 बार सुनवाई हो चुकी थी लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ और आज निर्णय दिया है ।