शुक्र, गुरू, मगंल व केतू के ग्रहण योग से बन रहा है कोरोना वायरस संक्रमण योग

liyaquat Ali
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Bhilwara News (चेतन ठठेरा) । पूरी दुनिया और देश मे कोरोना वाइरस को लेकर खौफ और हा-हाहाकार मचा हुआ है । वही दूसरी और ब्राम्हाड मे ग्रहो का बदलाव और चाल तथा शुक्र का परिर्वतन और गुरू ग्रह के अतिचारी होने से पूरी दुनिया सहित देश मे संक्रमण फैलने ( कोरोना वाइरस) के महावारी के रूप मे फैलने की आशंका की संभावनाएं बनती है । ज्योतिष नगरी के नाम से प्रसिद्ध राजस्थान के भीलवाड़ा जिले मे स्थित कारोई के वेद गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के संचालक ज्योतिष पण्डित गोपाल उपाध्याय पुत्र नानूराम उपाध्याय ने विशेष बातचीत मे बताया


शुक्र ग्रह गत 28 फरवरी की मध्य रात्रि को 1.32 मिनट पर परिवर्तन कर मेष राशि मे आया है और यह आगामी 28 मार्च को रात 3.37 मिनट तक रहेगा । इसके प्रभाव से संक्रमण फैलेगा । वही दो दिन बाद ही बृहस्पति( गुरू) ग्रह अतिचारी ( अतिक्रमण) होते हुए 30 मार्च 2020 को प्रातः 3 बजकर 47 मिनट (AM) पर मकर राशि मे ही नीचगत होकर प्रवेश करेंगे । इससे संक्रमण गति पकडेगा ।

ज्योतिष पण्डित गोपाल उपाध्याय ने बताया की शुक्र और बृहस्पति(गुरू) ग्रह के कारण पूरी दुनिया व देश मे संक्रमण फैल सकता है जो की वर्तमान मे फैल रहे कोरोना वाइरस को इंगित करता है । उन्होंने बताया की 22 मार्च 2020 को मंगल का मकर राशि में प्रवेश होने के बाद कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा वहाँ से तापमान में भरपूर बढोत्तरी होगी पूर्ण नियंत्रण में आ जायेगा लेकिन यहा पर अगर डब्ल्यूएचओ ध्यान नही देता है तो फिर महामारी की संभावनाएं बनती है वहाँ से तापमान में भरपूर बढोत्तरी होगी पुर्ण नियंत्रण में आ जायेगा
उन्होंने बताया की अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यू एच ओ) ने इस पर शीघ्र काबू नही पाया तो कोरोना के महामारी के रूप मे फैलने की संभावनाएं बनती है । उन्होंने कहा की कोरोना से आमजन मानस को भयक्रांत होने की जरूरत नही है ।

संक्रमण का एक बडा कारण


ज्योतिष पण्डित गोपाल उपाध्याय ने बताया की गुरू, मंगल तथा केतू के धनु राशि मे एक साथ रहने से ग्रहण योग के कारण जीव जगत को रक्त जनित व संक्रमित रोगो का ईआरण बना है । उन्होंने ग्रहो की व्याख्या की की गुरू ग्रह – जीव जगत का कारक, मंगल ग्रह – प्रशासक व प्रशासन को परेशान का कारक तथा केतू ग्रह- वहम का कारक माना जाता है । इसलिए यह कोरोना का वहम फैल रहा है ।

क्या करे

  • रात में सोते समय दो दो बूंद सरसों का तेल नाक में डालें. सोने से पहले दूध पीते हैं तो उसमें एक चम्मच हल्दी आजवाइन डाल कर गरम कर पीएं. दूध की व्यवस्था न हो तो गुनगुना पानी ही पीएं. इसमें आजवाइन गुड़ डाल कर गरम करें. सुबह उठकर भी ताम्रपात्र हो तो बेहतर न हो तो भी स्टील को बर्तन में रात का रखा पानी गुनगुना कर भरपेट पीएं

क्या सेवन करे ,क्या नही करे

-चॉकलेट , आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, कोल्ड कॉफी, फास्ट फूड, ठंडा दूध, बोतलबंद बासी मीठा दूध, बड़ा पाव, बेकरी की बनी चीजें, पेस्टी, केक ये सब चीजें बंद करें। कम से अप्रैल माह तक जब तक की वातावरण का तापमान नहीं बढ़ जाता।

यह उपाय भी करे


1- दिन भर अपने गले को नम रखना। गला सूखने जैसा हो तो तुरत पानी पिएं।
2- आंवले संतरे अथवा नींबू का सेवन करें। विटामिन-C का अधिकाधिक प्रयोग करें।
3- किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें,और केवल नमस्ते करे
,4- खाने से पहले हाथों को हमेशा धोएं।
5- सर्दी,जुकाम वाले व्यक्ति के सम्पर्क से बचने की कोशिश करें या मास्क लगा कर मिलें।

लक्षण / विवरण इस प्रकार हैं

  1. तेज बुखार
  2. बुखार के बाद खांसी का आना
    3.वयस्क आमतौर पर असहज महसूस करते हैं.
    4.सिरदर्द और मुख्य रूप से श्वसन सबंधित
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