Shahpura News (मूलचन्द पेसवानी ) : भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा स्थित रामनिवास धाम में रामस्नेही संप्रदाय के जन्मदाता महाप्रभु स्वामी रामचरणजी महाराज के प्राकट्य त्रिशताब्दी समारोह के अंर्तगर्त रामद्वारा में आध्यात्मिक कवि सम्मेलन हजारों श्रोताओं की उपस्थिति में आज भोर होने तक चला।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुंबई के संदीप नूतन की पुस्तक सत्य की सार्थकता तथा हास्य सम्राट कवि स्व सुरेंद्र दुबे के कृतित्व और व्यक्तित्व पर डाॅ.कैलाश मण्डेला और डाॅ.कीर्ति काले द्वारा संपादित स्मृति ग्रंथ जा रहा हूं दूर इतना का रामस्नेही सम्प्रदायाचार्य जगतगुरू स्वामीजी श्री रामदयालजी महाराज ने विमोचन किया। जगतगुरू स्वामीजी श्री रामदयालजी महाराज ने सभी कवियों का गुलाबी शाॅल ओढ़ा कर स्वागत अभिनंदन किया।
महाप्रभु स्वामी रामचरण प्राकट्य त्रिशताब्दी महोत्सव केंद्रिय सेवा समिति के मंत्री डा. संतश्री रामस्वरूप शास्त्री ने सभी कवियों का स्वागत कते हुए प्राकट्य महोत्सव पर प्रकाश डाला। कवि कैलाश मण्डल के संचालन में शुरू हुए कवि सम्मेलन की शुरुआत भीलवाड़ा के कवि नरेंद्र दाधीच की सरस्वती वंदना जिह्वा पर बैठ मेरी मां शारदे से हुई। हास्य कवि दिनेश बंटी ने राम धाम पर वंदना रामधाम की शरण में आओ, गादी जी के दर्शन पावो, राम नाम तुम रटते जाओ, मन की पीड़ा राम हरे से अपने काव्य पाठ को प्रारंभ किया श्रोताओं को अपने चुटिले हास्य व्यंग्य से खूब गुदगुदाया। उज्जैन के ओज कवि राहुल शर्मा ने दीपदान पर पुत्र दान यह तथ्य कहां होता माता। कौशल्या को राम मिले कोई पुत्र कहां खोता माता रचना सुनाई।
मुंबई के संदीप नूतन ने त्रिशताब्दी समारोह पर लिखें दोहे सुनाएं। इस अवसर पर उनकी पुस्तक सत्य की सार्थकता का विमोचन आचार्यजी द्वारा किया गया। ललितपुर झांसी से आए कवि पंकज पंडित ने दुनिया थर- थर थर्रा जाए, तुम मेरी ललकार बनों, बसंती चोली में रंग कर एक नया अवतार बनो रचना प्रस्तुत की जिसे सभी ने सराहा। वीर रस के कवि शशिकांत यादव, देवास ने देश भक्ति रचनाओं से ओजस्वी काव्य पाठ किया। भीलवाड़ा के गीतकार नरेंद्र दाधीच ने मुझे जान से प्यारा है मेरा देश साथियों एवं भ्रूण हत्या पर काव्य पाठ किया जिसे सभी ने दाद दी।
केकड़ी के बुद्धि प्रकाश दाधीच ने तप, सेवा, सुमिरन पर अपनी रचना पढ़ी। देवास के वरिष्ठ कवि देव कृष्ण व्यास ने खुला हुआ है रामद्वारा पूजन अर्चन कर ले हम, प्रभु श्री राम चरण के दर्शन करले हम तथा एक प्रश्न छोड़ दो सुभाष के लिए जैसी देशभक्ति कविताओं से श्रोताओं को ओत-प्रोत किया।
भीलवाड़ा के कवि योगेंद्र दाधीच ने सही वक्त पर अफजल को फांसी दी होती तो आतंकी हमले की हरकत पाकिस्तान नहीं करता, एवं शहीद मंगल पांडे जैसी रचनाओं का पाठ किया। इंदौर के सुप्रसिद्ध कवि सत्यनारायण सत्तन ने वह आग भी पी लेता है गुजरात का मोदी, हर जख्म को पी लेता है गुजरात का मोदी आध्यात्मिक रचनाएं सुनाकर कार्यक्रम को ऊंचाइयां प्रदान की।
कवि सम्मेलन का समापन कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन कर रहे सूत्रधार कवि डॉ कैलाश मंडेला की प्रसिद्ध गुरु वंदना गुरु जगमग करता तारा रे, एड़ी जोत जला दी मन में मिट गया सकल अंधारा रे सुनाई तो पूरा पांडाल झूम उठा। कार्यक्रम मध्यरात्रि 2.30 बजे तक चला जिसमें आचार्य श्री रामदयाल जी महाराज के आशीर्वचन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ कवि सत्यनारायण सतन का आज 81 वां जन्मदिवस होने पर सभी कवियों ने माल्र्यापण कर स्वागत अभिनंदन किया।