बारादरी में आचार्यश्री के चार्तुमास की अर्जियों का वाचन प्रांरभ
Shahpura News (मूलचन्द पेसवानी) ।रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ शाहपुरा में चल रहे फूलडोल महोत्सव का समापन 14 मार्च शनिवार को अपरान्ह में अभिजीत मुहर्त में चार्तुमास की घोषणा के साथ होगा। इससे पूर्व आज महोत्सव परवान पर दिखा। शुक्रवार को चर्तुथी का फूलडोल महोत्सव रहा। आज भी परंपरागत तरीके से अणभैवाणी ग्रंथ की शोभायात्रा राम मेडिया से प्रांरभ हुई। इसी के साथ ही रामस्नेही संप्रदाय का वार्षिक फूलड़ोल महोत्सव यौवन पर पहुंच रहा है।
आज शोभायात्रा में रामस्नेही संस्कृत विद्यालय के नन्हें मुन्हें बच्चे गुलाबी रंग की पतकाएं फहरा रहे थे तथा रामस्नेही अनुरागी अपने हाथों में थाल सजा कर आचार्यश्री के यहां ले जाने वाले चढ़ावे को लेकर राम नाम का जयकारा गुंजायमान कर रहे थे। शोभायात्रा सदर बाजार, कुंड गेट, बस स्टेंड होती हुई रामनिवास धाम में धर्मसभा में परिवर्तित हो गई।
यहां बारादरी में चढ़ावा चढ़ाया गया तथा उपस्थित लोगों ने जगतगुरू आचार्य श्रीरामदयालजी महाराज से आर्शिवाद प्राप्त किया। शोभायात्रा के रामशाला के सम्मुख प्रवेश द्वार से अंदर प्रवेश करने के बाद भक्तजनों ने उत्साह व जयकारों के साथ वहां पर पुष्पवर्षा की तथा बारदरी में पहुंच कर अणभैवाणी का गोटकाजी को आचार्यश्री के सिर्पुद किया।
महोत्सव के दौरान चहुं ओर राम नाम तारक मंत्र, सुमिरे शंकर शेष, रामचरण सांचा गुरु, देवे यो उपदेश। सतगुरु बक्षे राम नाम, शिष्य धरे विश्वास, रामचरण निसदिन रटे, तो निश्चय होसी प्रकाश का गुंजायमान दिखता है। यही है रामस्नेही संप्रदाय का तारक मंत्र। इसी मंत्र को लेकर इन दिनों संपूर्ण रामनिवास धाम परिसर गुंजायमान हो रहा है।
चहुं ओर रामस्नेही अनुरागी आचार्यश्री व संतों के दर्शन के साथ वहां की माटी को ललाट पर लगा कर स्वयं को धन्य कर रहे है। अनुरागी को जब भी मन में आता है राम नाम तारक मंत्र का उच्चारण करता रहता है। इन लोगों का मानना है कि राम नाम की साधना से ही भवसागर की वैतरणी को पार पाया जा सकता है।
यों देखा जाए तो रामनिवास धाम भी मूलत शमशान ही है। राज परिवार का शमशान होने से आचार्यश्री के साथ संत भी अपने अनुरागियों को कहते है कि शमशान में तो अच्छे अच्छों के वैराग्य उत्पन्न हो जाता है।
चार्तुमास कराने के लिए पेश की अर्जिया
रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्यश्री रामदयालजी महाराज का आगामी चार्तुमास अपने यहां कराने के लिए शुक्रवार को बारादरी में अलग ही नजारा दिखा। यहां हर कोई रामस्नेही अनुरागी अपने अपने शहर में आचार्यश्री का चार्तुमास कराने को लालायित दिखा। यहां आचार्यश्री की अनुमति से चार्तुमास की अर्जियों का जोधपुर के साध हरिराम महाराज व चित्तोड़ के संत दिग्विजयराम ने वाचन किया गया।
सुंदर व आकर्षक रंगों में तैयार अर्जियों में मुख्य रूप से पुष्कर, रेलमगरा, सुरत, दिल्ली, शाहपुरा, निम्बाहेड़ा की अर्जियों का वाचन आचार्यश्री के सम्मुख किया गया। ये अर्जियां शनिवार को भी पेश की जायेगी। आचार्यश्री के चार्तुमास की घोषणा 14 मार्च को रंगपंचमी पर होगी।
फूलडोल महोत्सव के दौरान संतों की भी प्रसाद ग्रहण करने के मौके पर विशेष पंगत लगती है।
बारादरी में प्रवचन के तुंरत बाद आचार्यश्री स्वयं पहुंच कर पंगत को प्रांरभ कराते है बाद में प्रसादी का वितरण होता है तथा रामस्नेही अनुरागी वहां पहुंच कर पंगत का दर्शन करते है।