Shahpura / मरूधरा भूषण श्रीसुकनमुनिजी मसा आदि ढाणा 6 का बलाई खेड़ा स्कूल में मंगल प्रवेश

liyaquat Ali
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अध्यापन, अनुशासन से ही जीवन निर्माण, अहंकार ही व्यक्ति के अंत का कारण-सुकनमुनिजी


मरूधरा भूषण श्रीसुकनमुनिजी मसा ने अध्यापिका मदीना रंगरेज को बताया सिविल सं

Shahpura News (मूलचन्द पेसवानी)- गुरुदेव लोकमान्य संत शेर-ए-राजस्थान रुपचंद मसा ‘रजत’ के सुशिष्य जैन संत श्रमण संघीय प्रवर्तक, शासन गौरव मरूधरा भूषण श्रीसुकनमुनिजी मसा आदि ढाणा 6 ने संसघ सोमवार सांय मांडल क्षेत्र के बलाईखेड़ा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। जैन मुनि श्रीसुकनमुनिजी मसा के साथ श्रीमहेश मुनिजी, श्री मुकेश मुनिजी, श्री हरिश मुनिजी, श्री नानेश मुनिजी, श्री हितेश मुनिजी, श्री सचिन मुनिजी मसा भी साथ थे।


जैन मुनि श्रीसुकनमुनिजी मसा के स्कूल पहुंचने पर अध्यापिका मदीना रंगरेज व किशन खटीक ने सभी संतों की अगवानी कर भावभीना स्वागत किया। इस पर प्रसन्नता जताते हुए जैन मुनि श्रीसुकनमुनिजी मसा ने कहा कि बरसों पूर्व वो अपने गुरू लोकमान्य संत रूपमुनिजी मसा के साथ इधर से विहार कर जा रहे थे तब मदीना ने स्कूल आने का निमंत्रण दिया था, वो आज साकार हो रहा है। जैन मुनि श्रीसुकनमुनिजी मसा ने स्कूल का निरीक्षण किया तथा यहां बच्चों को प्रदत्त सुविधाओं के बारे में मदीना रंगरेज से जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने स्कूल पहुंचने के मुख्य सड़क से मार्ग को ठीक कराने के लिए जनप्रतिनिधियेां से संपर्क करने को भी कहा ताकि विद्यार्थी सुगम रास्ते से स्कूल पहुंचे।


इस दौरान स्कूल में प्रवचन करते हुए जैन मुनि श्रीसुकनमुनिजी मसा ने सभी के प्रति मांगलिक सुनाया तथा कहा कि अध्यापन, अनुशासन से ही जीवन निर्माण होता है। अहंकार ही व्यक्ति के अंत का कारण बनता है। श्रद्धालुओं का माग दर्शन करते हुए मुनि ने बताया कि व्यक्ति यदि अहंकार को छोड़ दें तो वह निश्चित ही श्रेष्ठ व सफल बन सकता है।

अति अहंकार ही व्यक्ति के दुखों और अंत का मूल कारण बन जाता है। कुशल व्यवहार व शांति रखने से मन धर्म के मार्ग पर अग्रसर हो जाता है। सच्चे एवं शुद्ध मन से किया गया धर्म ही सफल होता है। सच्चे से महामंत्र नवकार का ध्यान करने पर आधि-व्याधियों का अंत होता है।
सुकन मुनि ने कहा कि संत जीवन ही ज्ञान का खजाना होते है।

इस स्कूल में मदीना रंगरेज भले ही इस्लाम धर्म की है पर उसके मन में सभी धर्मो के प्रति जो आदर दिखा है, मदीना को भी सिविल संत कहा जा सकता है। इसकी दिनचर्या किसी संत से कम नहीं है। अच्छे विचार व अच्छी संत सेवा से सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज देश में एक दूसरे धर्म व सनातन धर्म के नियमों पर नहीं चलने के कारण ही विद्धेष का वातावरण बन रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को पुनः विश्व गुरू बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों में देशवासियों को सहयोग करना चाहिए। हर जीवों के प्रति दया पालन, प्राणी मात्र की सेवा का सार मन में उतारने व प्रभु महावीर भगवान के आदर्शो का अनुसरण करने से आत्मकल्याण हो सकेगा। धार्मिक प्रवृतियों का बलाई खेड़ा स्कूल में संचालन होना व उनके मार्फत अध्ययन से बच्चों का जीवन निर्माण किया जाना मदीना रंगरेज का एक अनूठा उदाहरण है। यह सेवा सिविल संत ही कर सकता है तो मदीना रंगरेज बेहतर तरीके से कर रही है।


आज सुबह स्टाफ सदस्यों व बच्चों को मांगलिक सुनाकर श्रमण संघीय प्रवर्तक, शासन गौरव मरूधरा भूषण श्रीसुकनमुनिजी मसा आदि ढाणा 6 ने भीलवाड़ा के लिए प्रस्थान किया। मदीना रंगरेज ने बताया कि आज उनके स्कूल में मरूधरा भूषण श्रीसुकनमुनिजी मसा आदि ढाणा 6 के पधारपण से स्कूल व हम सब धन्य हुए तथा मरूधरा भूषण श्रीसुकनमुनिजी मसा के बताये अध्यात्मिक ज्ञान से अब स्कूल के बच्चों को लाभान्वित किया जायेगा।

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