Jaisalmer News / Dainik reporter – भारतीय सेना (Indian Army) ने अपनी मारक क्षमता (Firepower) का प्रदर्शन करते हुए युद्ध के हालात बनने पर 48 घंटों में जवाब देने की तैयारी के सिलसिले में रेगिस्तानी भूभाग में 22 अक्तूबर से चल रहे वॉर गेम एक्सरसाइज सुदर्शन शक्ति का बुधवार को समापन हो गया।
भोपाल स्थित 21 स्ट्राइक कोर (सुदर्शन चक्र कॉर्प) के तहत आयोजित युद्धाभ्यास (Maneuvers) में भारतीय सेना के 40 हजार जवान, 450 युद्धक टैंक और भारत में निर्मित के-9 वज्र तोप से मारक क्षमता का प्रदर्शन किया गया। दक्षिणी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एस के सैनी ने सोमवार-मंगलवार को अभ्यास की समीक्षा की। सुदर्शन चक्र क्राप के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र धिमरी ने उन्हें अभ्यास के बारे में जानकारी दी।
सेना के प्रवक्ता कर्नल सोंबित घोष (Army spokesman Colonel Sombit Ghosh) ने बताया कि अभ्यास में पश्चिमी मोर्चे पर सेना की संचालन योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण अवधारणाओं को मान्य किया गया। एकीकृत अभ्यास में मशीनी बलों, पैदल सेना, तोपखाने और अन्य बल के गुणकों जैसे ड्रोन तथा इलेक्ट्रोनिक उपकरण प्रणाली का उपयोग शामिल था।
उन्होंने कहा कि सेना के स्वदेशी सशस्त्र हैलीकॉप्टर रूद्र को भी पूरी तरह से एकीकृत तरीके से भारतीय वायु सेना के हैलीकॉप्टर के साथ लगाया था। अभ्यास के दौरान रेडियो ट्रंक सिस्टम और उपग्रह आधारित संचार को भी प्रदर्शित किया गया। गौरतलब हैं कि पाकिस्तान की लगातार बढ़ रही नापाक हरकत और चीन को उसका मिल रहे सहयोग को देखते हुए दुश्मन देश को अपनी ताकत का अहसास करवाने के साथ उसे मटियामेट करने के लिए युद्धाभ्यास किया गया।
अभ्यास में पहली बार भारत में निर्मित के-9 वज्र तोप का प्रदर्शन किया गया। यह तोप हाल में भारतीय सेना में शामिल की गई है और यह सेना में शामिल सबसे लंबी दूरी पर मार करने वाली है। इस तोप ने अपनी दुश्मन के छद्म ठिकानों पर अचूक निशाने साधकर रेगिस्तानी क्षेत्र में जलजला पैदा कर दिया। युद्धाभ्यास में टी 90 टैंक,105 एम.एम तोप, 130 एम.एम. तोप, बोफोर्स , सॉल्टम तोप के साथ पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चरसे कई प्रकार के गाइडेड बमों से फायरिंग का प्रदर्शन किया गया।