जिले के बहरोड़ पुलिस थाने में फॉयरिंग कर हवालात से बदमाश को ले जाने के मामले में पुलिस को अभी कोई सफ लता हासिल नहीं हुई है। हालांकि पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, लेकिन जब तक संलिप्तता पाई नहीं जाती, तब तक इस मामले में कुछ कहने से बच रही है। इस घटना के बाद राजस्थान के पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह यादव बीती रात को ही इस घटना के बाद बहरोड पहुंच गए और उन्होंने रात को ही घटनास्थल का दौरा किया। जिस रास्ते से बदमाश भागे थे, उन सभी रास्तों को उन्होंने रात को ही देखा, शनिवार सुबह अधिकारियों से मीटिंग कर बदमाशों को पकडऩे के निर्देश दिए। इसके बाद वे मुंडावर और भिवाड़ी भी गए, जहां भी उन्होंने संदिग्ध रास्तों और और अन्य संदिग्ध लोगों पर निगरानी के निर्देश दिए।
इस निर्देश के बाद अलवर में कड़ी नाकेबंदी की गई है। सभी वाहनों की जांच की जा रही है। संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है। दोपहर बाद राजस्थान के पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह यादव ने हरियाणा पुलिस के उच्च अधिकारियों से धारूहेड़ा में मीटिंग रखी। दोनों राज्यों के अधिकारियों की मीटिंग में यह तय किया गया कि अपराधी कहीं भी हो उसे संयुक्त कार्रवाई करते हुए पकडऩा है। इस संबंध में हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रमेश चंद मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज राजस्थान और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की ज्वॉइंट मीटिंग थी और पपला गुर्जर व उसके साथियों को पकडऩे के लिए टीमें गठित की गई है।
हरियाणा का मोस्ट वांटेड है। दोनों राज्यों की पुलिस लगी हुई है बदमाश चाहे हरियाणा में हो या उत्तर प्रदेश में हो चाहे राजस्थान में हो उसे ढूंढ निकाला जाएगा और शीघ्र पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के अधिकारी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं, जैसी भी स्थिति होगी जॉइंट ऑपरेशन करना पड़ा तो करेंगे, पहली प्राथमिकता है कि बदमाशों को पकडऩा है। इधर बदमाशों की पकड़ के लिए हरियाणा,राजस्थान में सर्च ऑपरेशन चल रहे हैं, जहां से भी इनपुट मिल रहे हैं,वहां पर छापामार कार्रवाई हो रही है।
श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि बहरोड़ की घटना ने कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। बहरोड़ की घटना से आमजन में भी दहशत का माहौल है और वह डरा हुआ है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब थाने सुरक्षित नहीं है, तो आमजन कैसे सुरक्षित होगा? उन्होंने कहा कि राज्य भर में अपराधियों को गिरफ्तार करने का अभियान चलाया जा रहा है। खुद डीजीपी बहरोड़ में है और मामले की जानकारी ली है। इन अपराधियों को पकड़ा जाना जरूरी है, जिससे पुलिस का इकबाल कायम रहेगा। अगर यह पकड़े नहीं जाते हैं, तो पुलिस के लिए भी घातक सिद्ध होंगे। अलवर में दो एसपी लगाने के बाद भी बढ़ते अपराधों पर प्रतिक्रिया देते उन्होंने कहा कि शीघ्र ही व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलेंगी।
अब जरूरत है कि पुलिस को भी अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाने चाहिए। जो पुलिसकर्मी नकारा साबित हो रहे हैं, उनको घर बैठाएं और जो मेहनती हैं, उन को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। बहरोड़ थाने के एक पुलिसकर्मी की भूमिका संदिग्ध होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जांच में दोषी पाए जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।