Jaipur News / चेतन ठठेरा । मध्य प्रदेश मे घटे राजनैतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस आलाकमान की चूले हिल सी गई है । इसकी आंच राजस्थान और महाराष्ट्र की सरकारो पर भी आ रही है इको लेकर आलाकमान अधिक गंभीर व परेशान है ।
दूसरी और राजस्थान में राज्यसभा प्रत्याशियो के नामो की घोषणा के बाद अब प्रदेश मे भी आने वाले दिनो मे सुनामी के संकेत है । राज्यसभा चुनाव मे प्रत्याशियो को लेकर सचिन पायलट व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एकमत नही है । गहलोत दो उधोगपतियों को चाहते थे तो सचिन पायलट एक जाट और एक मीणा को प्रत्याशी बनाना चाहते थे ताकी प्रदेश मे दोनो ही जातियों के वोट बैंक को कांग्रेस के पक्ष मे वोट कर सके।
क्योंकि भाजपा ने सतीश पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष व RLP के हनुमान बेनीवाल को लेकर बना जाट वोट बैक मे सेंधमारी की है।
वही किरोडीलाल मीणा को राज्यसभा मे भेज मीणा को पक्ष मे करने का प्रयास । इस पर तकरार के बाद सोनिया गांधी ने गहलोत को फटकार लगाते हुए सचिन से तालमेल बिठा प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही मंत्री मंडल विस्तार और राजनैतिक नियुक्तियों मे भी समन्वय बिठाने के निर्देश दिये थे।
लेकिन कल राज्यसभा के लिए प्रत्याशियों की घोषणा हुई जिसमे प्रदेश से के सी वेणुगोपाल और नीरज डांगी पर मोहर लगी । व दोनो ही गहलोत के पक्ष के है । नीरज डांगी दलित वर्ग से है और तीन बार विधानसभा का चुनाव हारे है तो वेणु गोपाल केरल से है ।
सूत्रो के अनुसार सचिन फिर नाराज है तो दूसरी और वर्तमान परिस्थिति मे कांग्रेस की जो स्थिति देश मे हो रही है ऐसे मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः केन्द्रीय सगंठन मे लेने की अंदर खाने चर्चा चल रही है ।
गहलोत फिर केन्द्र मे ?
विदित है की जब अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया था तब वह केन्द्र मे कांग्रेस सगंठन महासचिव थे और उनके सीएम बनने पर वेणु गोपाल को यह जिम्मेदारी दी गई अब वेणुगोपाल राज्यसभा में जा रेहे है तो यह जिम्मेदारीएक बार फिर अशोक गहलोत को दी जा सकती है
सचिन और डूडी की हो सकती ताजपोशी
सचिन ने राज्यसभा प्रत्याशी के लिए जाट वर्ग से रामेश्वर डूडी का नाम दिया था लेकिन उन्हे टिकट नहीं दिया डूडी पिछले करीब 12, दिनो से दिल्ली में है और आलाकमान के संपर्क में है सूत्रोके अनुसार उन्होने राजस्थान कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के संकेत मिले है वही गहलोत सके केन्द्र में लेने के बाद सचिन पायलट की मुख्यमंत्री पद की ताजपोशी होने की संभावनाएं है । सूत्रो के मुताबिक राज्यसभा चुनावो के बाद राजस्थान मे बडा परिर्वतन हो सकता है ।