संस्कृत भाषा ही विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है- कुमावत

liyaquat Ali
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Bhilwara News ( मूलचन्द पेसवानी ) –जब दुनिया की सभी संस्कृतियां बारूद के ढेर पर बैठी हो और ऐसे में विश्व को बचाने की जिम्मेदारी यदि किसी संस्कृति पर आती है, तो वह संस्कृति है भारतीय संस्कृति । भारतीय संस्कृति की पहचान संस्कृत भाषा से हैं । संस्कृत भाषा ही है जो दुनिया में विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं । संस्कृत भाषा में ही विश्व के मंगल की कामना की गई है । यह बात संस्कृत भारती शाहपुरा द्वारा आयोजित श्री सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल में चल रहे संस्कृत संभाषण शिविर के समारोप कार्यक्रम में बोलते हुए  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सत्यनारायण कुमावत ने कहीं ।

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कुमावत ने कहा कि आज नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था भी संस्कृत के महत्व को समझती है और इसीलिए वैज्ञानिकों को वहां संस्कृत का ज्ञान कराया जाता है । कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के श्री चरणों में दीप प्रज्वलन कर किया गया । कार्यक्रम में  ध्येय मंत्र पूजा गुर्जन, रामकन्या प्रजापति ने करवाया । स्वागत उद्बोधन विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने दिया । कार्यक्रम में अंजू जांगिड़, निशा गुर्जर ने शिव तांडव स्तोत्र पर नृत्य प्रस्तुत किया । लघु लघु बालक भरत कुमावत, रुद्राक्षी शर्मा, तेजस्व शर्मा, पुरुषोत्तम कुमावत व पूजा जांगिड़ ने संवाद के माध्यम से संस्कृत भाषा का महत्व बताया ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता रघुनाथ प्रसाद वैष्णव ने की । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रताप सिंह बारहठ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर हरमल रेबारी थे । इस अवसर पर बोलते हुए डॉ हरमल रेबारी ने कहा कि संस्कृत भारती संस्कृत भाषा उत्थान के लिए जो प्रयत्न कर रही है वह प्रशंसनीय है । संस्कृत देववाणी हैं आज पुनः इसे जन भाषा बनाने की आवश्यकता है । इस पुनित कार्य को संस्कृत भारती आगे बढ़ा रही है । विशिष्ट अतिथि प्रांत विद्वत् परिषद्  परमानंद शर्मा ने कहा कि संस्कृत भारती सरल वाक्यों के माध्यम से संस्कृत को लोगों तक पहुंचा रही हैं ताकि आने वाले समय में संस्कृत भाषा पुनः जन भाषा बन सके ।

अतिथियों का आभार जिला संयोजक भगवान लाल गोस्वामी ने किया । कार्यक्रम में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी शिव प्रकाश सोमानी, विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत, सिद्धार्थ इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक शिव प्रकाश रेगर, गोपी लाल रेगर,शिवचरण शर्मा, सुमित पारीक, रामप्रसाद पारीक, महावीर शर्मा, देवराज गुर्जर, ओम प्रकाश माण्डेला,भगवत सिंह,  विकास खंड संयोजक सांवर लाल गुर्जर, नगर संयोजक परमेश्वर लाल सुथार, गणपत लाल कोली, जिला महिला प्रमुखा पूजा गुर्जर, जिला शिक्षण प्रमुख अंजू जांगिड़, विकासखंड शिक्षण प्रमुख रामकन्या प्रजापति, निशा गुर्जर, भगवती जीनगर, निधि सेन आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे । मंच का संचालन शिविर चालक दुर्गेश वैष्णव ने किया ।

 

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