राजस्थान में दलित शिक्षिका को सरेआम पेट्रोल डाल जिंदा जलाया, पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ राजस्थान में महिला अत्याचारों की घटनाओं में अंकुश लगने के बजाए वृद्धि हो रही है और अभी जालौर के सुराणा गांव में एक दलित कक्षा 3 के स्कूली छात्र के साथ शिक्षक द्वारा की गई मारपीट और उसकी मौत का मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि राजस्थान की राजधानी जयपुर जिले में एक दलित शिक्षिका को सरेआम पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया।

महिला बचाव के लिए आग की लपटों के बीच लोगों से मदद मांगती रही लेकिन बेशर्मी की हद है कि लोग जलती हुई शिक्षिका का वीडियो बनाने में मस्त रहें और आग बुझाने का किसी ने प्रयास नहीं किया 7 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझते हुए आखिर शिक्षिका ने अस्पताल में दम तोड़ दिया ।

और सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि पुलिस ने अभी तक एक भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है यहां तक कि घटना से कुछ दिन पहले महिला शिक्षक द्वारा थाने में की गई शिकायत के बाद भी पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और पुलिस की लापरवाही के कारण आरोपियों ने सरेआम महिला को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया ।

झकझोर देने वाली यह शर्मनाक घटना जयपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित रायसर गांव में 10 अगस्त को घटित हुई जिसका वीडियो कल शाम को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ।

बताया जाता है रैगरों के मोहल्ले में वीणा मेमोरियल स्कूल की शिक्षिका अनीता रेगर (32) अपने बेटे राजवीर (6) के साथ स्कूल 10 अगस्त को सवेरे 8 बजे करीब स्कूल जा रही थी। इस दौरान कुछ बदमाशों ने घेरकर उस पर हमला कर दिया ।अनीता खुद को बचाने के लिए पास ही में कालू राम रैगर के घर में घुस गई।

उसने 100 नंबर और रायसर थाने को सूचना दी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद आरोपियों ने पेट्रोल छिड़ककर अनीता को आग लगा दी। महिला चीखती, चिल्लाती रही, लेकिन लोग वीडियो बनाते रहे। आरोप है कि किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।

घटना की जानकारी मिलने पर महिला का पति ताराचंद अपने परिवार के लोगों के साथ मौके पर पहुंचा। 70 प्रतिशत झुलसी अनीता को जमवारामगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां से उसे एसएमएस हॉस्पिटल के जयपुर के बर्न वार्ड में रेफर कर दिया गया। यहां करीब सात दिन तक वह मौत से जंग लड़ती रही, लेकिन मंगलवार रात उसकी मौत हो गई।

 

उधार दिए पैसे मांगने की कीमत…

जानकारी के अनुसार मृतक महिला अनीता ने आरोपियों को ढाई लाख रुपए दिए हुए थे। महिला बार-बार जब उन से पैसों की मांग करती तो ये लोग उसके साथ अभद्रता और मारपीट किया करते थे।

इस संबंध में 7 मई को अनीता ने रायसर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कोई कार्रवाई नहीं की। इससे बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए।

 

पुलिस पर आरोपियो को बचाने का आरोप

 

ताराचंद ने बताया कि गांव के ही गोकुल, आनंदी, रामकरण, बाबूलाल, प्रहलाद रेगर (वार्ड पंच), मूलचंद, सुरेश चंद, सुलोचना, सरस्वती, विमला ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई है। उसकी पत्नी ने लोगों से जान बचाने की गुहार की, लेकिन बदमाशों के डर से किसी ने भी अनीता की मदद नहीं की।

घटना के बाद ताराचंद ने 12 अगस्त को जयपुर में पुलिस मुख्यालय में डीजीपी से भी मिला। ताराचंद ने रायसर एसएचओ, एएसआई कबूल सिंह, पुलिसकर्मी विनोद गुर्जर पर बदमाशों को शरण देने और मिलीभगत का आरोप लगाया।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम