जयपुर / सफाई कर्मचारियों की भर्ती मामले में राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर ने आदेश जारी कर नगर परिषद अलवर व राज्य सरकार को आदेश दिए थे। परंतु 2 वर्ष कोरोना काल को बताने के साथ समय अधिक होने पर भी कार्यवाही पूर्ण नही की। जिससे पीड़ित होकर प्रार्थिया सरोज ने न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की।
प्रार्थिया सरोज का वर्ष 2003 की भर्ती में साक्षात्कार हो चुका था,पर भर्ती निरस्त होने से अपात्र हो गई। पुनः वर्ष 2012 चयन लोगो की सूची में नाम आ गया। परंतु फिर चयनित अभ्यर्थियों को भर्ती में अनियमितता बताते हुए निरस्त कर दिया। जिससे परेशान होकर न्यायालय में रिट दायर की माननीय न्यायालय ने आदेश जारी कर दिये।परतु काफी समय बाद भी पालना नही की।
अवमानना याचिका में प्रार्थिया की ओर से अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने न्यायालय को बताया कि वर्ष 2012 में पात्र लोगों को भर्ती से अनियमितता का हवाला देकर निरस्त निरस्त कर दिया जो कि न्याय के सिद्धांत के विपरीत है। जिस पर माननीय न्यायालय ने आदेश भी किये ।पर आज तक नगर परिषद अलवर व सरकार ने कुछ नहीं किया।
ऐसे में कमेटी बनाकर लंबित मामले में निस्तारण करते हुए खाली पद पर प्रार्थिया को नोकरी फि जाए। राजस्थान अन्य नगर परिषदो में चयनित उम्मीदवारों को नोकरी दी गई है। ऐसे में प्रार्थिया के साथ अन्याय हो रहा है। सभी तर्कों को को सुनने के बाद माननीय न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने निर्देशक स्वायत्त शासन विभाग एवम नगर परिषद, अलवर को अवमानना के नोटिस जारी किए।