भाजपा की ओर से पिछले दिनों कलेक्ट्रेट सर्किल पर आयोजित धरने में विधायक अशोक लाहोटी की ओर से भाजपा नेत्री सुमन शर्मा और विधायक कालीचरण सराफ पर की गई टिप्पणी को लेकर पार्टी नेतृत्व गंभीर है। इस मामले में लाहोटी की मुश्किल बढ़ सकती है। बहरहाल पार्टी नेतृत्व की ओर से प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सार्वजनिक कार्यक्रमों में नेताओं को संयम बरतने की हिदायत दी जा सकती है।
घटनाक्रम को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। पार्टी का एक धड़ा चाहता है कि लाहोटी पर कार्रवाई की जाए वहीं दूसरा धड़ा लाहोटी के पक्ष में खड़ा है। इस मामले में प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर ने कुछ भी कहनेसे इनकार कर दिया। उन्होंने मीडिया प्रभारी से बात करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। बाकी नेताओं ने भी चुप्पी साध रखी है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री भजन लाल ने कहा है कि ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।
सराफ ने लाहोटी के बयान को नादानी बताते हुए लाहोटी के पुतला दहन कार्यक्रमों से खुद को अनभिज्ञ बताया। साथ ही सराफ ने कहा कि यदि कोई नादानी पूर्ण व्यक्तव्य देगा तो समाज नाराज होगा ही। वे गुरुवार को यहां मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र के करतारपुरा नाले के पास धरने का नेतृत्व कर रहे थे। धरने में भाजपा नेत्री शर्मा को आना था लेकिन वे नहीं आई। उनके नहीं आने को नाराजगी से जोड़ा जा रहा है।