रोशनी ने 14 वर्ष की आयु में रूकवाया अपना बाल-विवाह, अब तक दो दर्जन से अधिक बाल विवाह रूकवा चुकी हे,रोशनी बैरवा, स्वच्छ भारत अभियान निरालों टोंक जिले की ब्रॉण्ड एम्बेसडर अब स्वयं कर रही है विवाह

Sameer Ur Rehman
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Tonk News ( फ़िरोज़ उस्मानी) : विवाह अभिशाप हैै। इस बात से सभी वाकिफ है, इसके बाद भी हर साल देशभर में कच्ची उम्र(Salad days) में ही लड़़कियों (Girls)का गुपचुप तरीके से शादी के नाम पर बाल-विवाह (Child marriage) करवाया जाता है। ऐसे में बहुत कम लड़कियां ही ऐसी होती है, जो अपनी हिम्मत से अपना विवाह रूकवाने का साहस करती है।इन्ही साहसी लड़कियों में से एक है टोंक जिले के पीपलू (Piplu) उपखण्ड ग्राम मौहम्मदगढ़ की छोटी सी ढाणी में जन्मी 25 वर्षीय रोशनी बैरवा (Roshni Bairwa), जिसने 14 साल की उम्र में अपने बाल-विवाह के खिलाफ अवाज़ उठाई। बाल विवाह रोकथाम की अलख जगाने वाली रोशनी अब स्वंय 20 अप्रेल को मेंहदवास निवासी राजेन्द्र के साथ विवाह करने जा रही है।गरीब परिवेश में बिता हे, जीवन पिता के देंहात व मॉं के छोडऩे के बाद रोशनी(Roshni Bairwa) का बचपन उसके दादा दादी के पास ही रहकर ही गुजरा। आर्थिक तंगी से झुझती रोशनी ने पीपलू तहसील के एक निजी स्कूल से ही अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। गरीब परिवेश के चलते एक एनजीऔ की मदद से वनस्थली विद्यापीठ (Banasthali vidyapeth) में मॉस्टर ऑफ सोशियल वर्क (Monster of social work) की पढ़ाई की।अब तक दो दर्जन से ज़्यादा बाल विवाह रूकवा चुकी हैजब वो 14 वर्ष की हुई तो उसके चाचा जबरदस्ती उसका बाल विवाह करना चाहते थे। रोशनी बैरवा ने अपने बाल विवाह का विरोध कर उसे रूकवा दिया। गांव की कई लड़कियां को भी अपनी मुहिम में शामिल कर लिया है। तब से अब तक रोशनी बैरवा (Roshni Bairwa)  ने दो दर्जन से अधिक बाल विवाह रूकवा कर महिला शक्ति के रूप में एक मिसाल कायम की है।जिला प्रशासन ने बनाया ब्रॉण्ड एम्बेसडररोशनी गांव गांव जाकर जागृति रथ (Jagriti Rath) के माध्यम से बाल विवाह के खिलाफ अलख जगाती है। लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत करवा रही है। इसके चलते ग्राम की अन्य लड़कियां भी इस मुहिम में शामिल होने लगी है। रोशनी के इस जुनून को देखते हुए ही जिला प्रशासन ने उसे * स्वच्छ भारत अभियान निरालों टोंक जिले का ब्रॉण्ड एम्बेसडर बना दिया ।रोशनी को जयपुर में कुंरजा कार्यक्रम में * बेटी सृष्टि रत्न अवार्ड (Beti Srishti Ratna Award) से भी नवाजा है। इससे पूर्व में भी वो जिला प्रशासन द्वारा चलाएं गए कई महिलाओं के उत्थान सम्बन्धित कई कार्यक्रमों में भी योगदान देती रही है।बाल विवाह के मामले में रोशनी बैरवा प्रशासन की मदद से 22 कन्याओं के बाल विवाह रूकवाकर जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश, देशभर में बाल विवाह के दंश से मुक्ति दिलाने के लिए रोल मॉडल बनकर उभरी है।यह संभवत प्रदेशभर में इतने बाल विवाह रूकवाने वाली पहली युवती है। इसे अब तक कई सम्मान मिल चुके है। रोशनी बैरवा बेटी सृष्टि रत्न 2015 व 2017, लाडली सम्मान 2016, प्रशंसा पत्र 2011, बेटी गौरव सम्मान 2016, नारी शक्ति ग्लोबल 2016, वि.सेवा प्रा.सम्मान 2016, अम्बेडकर स्मृति चिन्ह 2017, चाइल्ड चैम्पियन अवार्ड 2016 सहित कई अवॉर्ड मिल चुके है। दूरदर्शन पर इंटरव्यू आने सहित शॉर्ट मूवी भी आ चुकी है।

Tonk News ( फ़िरोज़ उस्मानी) : विवाह अभिशाप हैै। इस बात से सभी वाकिफ है, इसके बाद भी हर साल देशभर में कच्ची उम्र(Salad days) में ही लड़़कियों (Girls)का गुपचुप तरीके से शादी के नाम पर बाल-विवाह (Child marriage) करवाया जाता है। ऐसे में बहुत कम लड़कियां ही ऐसी होती है, जो अपनी हिम्मत से अपना विवाह रूकवाने का साहस करती है।

इन्ही साहसी लड़कियों में से एक है टोंक जिले के पीपलू (Piplu) उपखण्ड ग्राम मौहम्मदगढ़ की छोटी सी ढाणी में जन्मी 25 वर्षीय रोशनी बैरवा (Roshni Bairwa), जिसने 14 साल की उम्र में अपने बाल-विवाह के खिलाफ अवाज़ उठाई। बाल विवाह रोकथाम की अलख जगाने वाली रोशनी अब स्वंय 20 अप्रेल को मेंहदवास निवासी राजेन्द्र के साथ विवाह करने जा रही है।

गरीब परिवेश में बिता हे, जीवन

पिता के देंहात व मॉं के छोडऩे के बाद रोशनी(Roshni Bairwa) का बचपन उसके दादा दादी के पास ही रहकर ही गुजरा। आर्थिक तंगी से झुझती रोशनी ने पीपलू तहसील के एक निजी स्कूल से ही अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। गरीब परिवेश के चलते एक एनजीऔ की मदद से वनस्थली विद्यापीठ (Banasthali vidyapeth) में मॉस्टर ऑफ सोशियल वर्क (Monster of social work) की पढ़ाई की।

अब तक दो दर्जन से ज़्यादा बाल विवाह रूकवा चुकी है

जब वो 14 वर्ष की हुई तो उसके चाचा जबरदस्ती उसका बाल विवाह करना चाहते थे। रोशनी बैरवा ने अपने बाल विवाह का विरोध कर उसे रूकवा दिया। गांव की कई लड़कियां को भी अपनी मुहिम में शामिल कर लिया है। तब से अब तक रोशनी बैरवा (Roshni Bairwa)  ने दो दर्जन से अधिक बाल विवाह रूकवा कर महिला शक्ति के रूप में एक मिसाल कायम की है।

जिला प्रशासन ने बनाया ब्रॉण्ड एम्बेसडर

रोशनी गांव गांव जाकर जागृति रथ (Jagriti Rath) के माध्यम से बाल विवाह के खिलाफ अलख जगाती है। लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत करवा रही है। इसके चलते ग्राम की अन्य लड़कियां भी इस मुहिम में शामिल होने लगी है। रोशनी के इस जुनून को देखते हुए ही जिला प्रशासन ने उसे * स्वच्छ भारत अभियान निरालों टोंक जिले का ब्रॉण्ड एम्बेसडर बना दिया ।

रोशनी को जयपुर में कुंरजा कार्यक्रम में * बेटी सृष्टि रत्न अवार्ड (Beti Srishti Ratna Award) से भी नवाजा है। इससे पूर्व में भी वो जिला प्रशासन द्वारा चलाएं गए कई महिलाओं के उत्थान सम्बन्धित कई कार्यक्रमों में भी योगदान देती रही है।बाल विवाह के मामले में रोशनी बैरवा प्रशासन की मदद से 22 कन्याओं के बाल विवाह रूकवाकर जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश, देशभर में बाल विवाह के दंश से मुक्ति दिलाने के लिए रोल मॉडल बनकर उभरी है।

यह संभवत प्रदेशभर में इतने बाल विवाह रूकवाने वाली पहली युवती है। इसे अब तक कई सम्मान मिल चुके है। रोशनी बैरवा बेटी सृष्टि रत्न 2015 व 2017, लाडली सम्मान 2016, प्रशंसा पत्र 2011, बेटी गौरव सम्मान 2016, नारी शक्ति ग्लोबल 2016, वि.सेवा प्रा.सम्मान 2016, अम्बेडकर स्मृति चिन्ह 2017, चाइल्ड चैम्पियन अवार्ड 2016 सहित कई अवॉर्ड मिल चुके है।
दूरदर्शन पर इंटरव्यू आने सहित शॉर्ट मूवी भी आ चुकी है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/
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