अजमेर
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को यहां सेंट्रल जेल चल रही रंगादारी का राजफाश कर दिया। सजायाफ्ता बंदी जेलकर्मियों की मिलीभगत से जेल में सुविधाएं देने के नाम पर नए बंदियों को डरा-धमका, उन पर कई जुल्मों-सितम कर अवैध वसूली कर रहे थे। मामले में जेलकर्मियों सहित सात लोगों को हिरासत में लिया।
एसीबी एसपी राजव पचार ने बताया कि जेल में सुविधा के नाम पर अवैध वसूली के आरोप में लौंगिया क्षेत्र में दबिश देकर युवक सागर और सनी, पोलू और पैरोल पर चल रहे दीपक उर्फ सनी को पकड़ा। उनकी निशानदेही पर जेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षणाधीन संजय सिंह,कैशाराम को अजमेर से, जबकि जेल हैड वार्डन अरुणसिंह चौहान को जयपुर से हिरासत में लिया गया।
तलाशी लेने पर इनके ठिकानों से जेल मैन्युअल के अनुसार प्रतिबंधित सामग्री,जिसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज और मोबाइल जब्त कर जयपुर एसीबी मुख्यालय में एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू की गई। एसपी ने बताया कि जेल में नए बंदियों को सुविधाएं देने के नाम पर अवैध वसूली की सूचनाएं लंबे समय से मिल रही थी। इसके लिए एसीबी की संयुक्त टीम नियुक्त कर जिम्मेदारी सौंपी गई। टीम ने जेल सहित प्राइवेट दलालों के ठिकानों पर दबिश देकर रंगदारी और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया।