राजस्थान में RAS अधिकारियों ने छेडी ACB के खिलाफ जंग, अब RAS v/s ACB कौन पड़ेगा…

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ राजस्थान में एक और जहां गहलोत सरकार अपनी पार्टी में चल रही गुटबाजी को लेकर जूझ रहे हैं वहीं अब दूसरी ओर सरकार का बड़ा स्तंभ माने जाने वाले प्रशासनिक खेमे में राजस्थान प्रशासनिक सेवा(RAS)और राजस्थान पुलिस सेवा(RPS) की कडीACB के बीच एक मामले को लेकर जबरदस्त टकराव हो गया है और टकराव की स्थिति यह हो गई है कि आर ए एस अधिकारियों ने लामबंद होकर एसीबी के अधिकारी खिलाफ जंग छेड़ते हुए अब टकराव के मूड में आ गए हैं और आर ए एस अधिकारियों ने स्पष्ट और कड़े शब्दों में चीफ सेक्रेटरी को कह दिया है कि एसीबी की अधिकारी दूध के धुले हुए नहीं हैं इनकी संपत्तियों की जांच कराई जाए और अगर आय से अधिक संपत्ति पाई जाती है तो इनको जेल भेजा जाए ।

अब राजस्थान में कुल मिलाकर पुलिस और प्रशासन के बीच जंग शुरू हो गई है यह जंग का फैसला क्या होगा ? यह तो आने वाला समय ही बताएगा? लेकिन इस जंग के असर सरकार पर पड़ेगा ।

यह है मामला

1999 बैच के आईएएस अधिकारी भागचंद बधाल को 2 दिन पूर्व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरोत्तम वर्मा उनके ऑफिस से बिना किसी सर्च वारंट और सबूत के उनको ऑफिस से पूछताछ के लिए ले गए और यहीं से शुरू हुई आर ए एस अधिकारियों और एसीबी के बीच जंग ।

भागचंद बधाल 1999 बैच के अधिकारी तथा वसुंधरा सरकार में न्याय आपके द्वार अभियान की सफलता के लिए उनको श्रेय दिया गया । इसके अलावा बधाल इमानदार छवि के अफसर माने जाते हैं । यही नहीं 2013 से 2018 तक 5 साल मुख्यमंत्री कार्यालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर रहते हुए अपनी अच्छी सेवाएं दी।

अफसरों के ग्रुप में वायरल हुआ पोस्ट 

दो दिन पहले आईसीडीएस में नियुक्त एडिशनल डायरेटर भागचंद बधाल को एसीबी के अधिकारी नरोत्तम वर्मा पूछताछ के लिए ले गए। उसके बाद आरएएस अधिकारी ने अपनी पीड़ा अपने ही कैडर के अफसरों से शेयर की उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा की ‘एसीबी कल मुझे ले ही गई. ट्रीट भी ऐसे किया जैसै में भ्रष्ट हूं….यह आरएएस कैडर का दुर्भाग्य ही कहूंगा….कुछ अधिकारी इसे सामान्य बात मान सकते हैं, लेकिन यदि मुझे एसीबी ले जा सकती हैं तो फिर सभी को इसके लिए तैयार रहना चाहिए’. .यह पोस्ट अफसरों के ग्रुप पर जबरदस्त वायरल हुई। अफसरों ने अलग-अलग कमेंट किए । इस पोस्ट के वायरल होने के बाद आरएएस एसोसिएशन ने इसे गंभीरता से लेकर रणनीति बनाई । यदि एसीबी इस तरह से सीनियर अफसरों को बिना प्रोसेस के उठाकर पूछताछ के लिए ले जाने लगी तो कैडर का वजूद ही खत्म हो गया किसी पर दवाब डलवाकर किसी भी अधिकारी का नाम बुलवाकर अफसर को बिना किसी सबूत के ले जाना किन नियमों में लिखा है। एसीबी ने आरएएस अफसरों को टारगेट बना रखा है । मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए एसीबी ऐसी कार्रवाई कर रही है ।

इस पोस्ट के वायरल होने के बाद सीएमओ से लेकर चीफ सेक्रेट्री और एसीबी ऑफिस तक खलबली मच गई । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामला उनके संज्ञान मे आते ही चीफ सेक्रेट्री को इस मामले का समाधान व निस्तारण की जिम्मेदारी सौंप दी है । इधर इस घटनाक्रम को लेकर आरएएस अधिकारी आर-पार की लडाई के लिए मूड मे आ गए है । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को देखते हुए मुख्य सचिव उषा शर्मा ने मामले को सुलझाने के लिए एसीबी के उच्च अधिकारियों और आरएएस एसोसिएशन के अधिकारियों को बुलाया और बातचीत की लेकिन इस बार आरएएस एस अधिकारी कोई समझौते के मूड में नहीं है और एसीबी के अधिकारी नरोत्तम वर्मा के खिलाफ कार्रवाई और सस्पेंशन की मांग पर अड़े हुए हैं आरएएस एस अधिकारियों ने कहा कि माफी नहीं सस्पेंशन चाहिए ।

आरएएस अधिकारियों ने चीफ सेक्रेटरी को दो टूक शब्दों में कहा कि पूरे राजस्थान में आरएएस अधिकारियों को हड़ताल पर भी जाना पड़ा तो जाएंगे लेकिन इस बार माफ़ी नहीं सस्पेंशन चाहिए इस पर मुख्य सचिव उषा शर्मा ने एसीबी के अधिकारी से माफी मंगवाने की बात कही इस पर आर ए एस एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव बजाज ने कहां की माफी समाधान नहीं है अफसर की इज्जत गई है यह बर्दाश्त से बाहर है मुलाकात करने गए आरएएस अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव के सामने खूब शब्द बाण चलाए एसीबी के अफसर भी शब्द वाणो को सुनते रहे एक आर ए एस अधिकारी ने तो इतना तक कह दिया कि मेरी और पूछताछ के लिए ले जाने वाले एसीबी के अधिकारी की संपत्ति की जांच करा लो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा । 8 साल से ऐसी भी यह बैठे है जिनकी संपत्ति आय से ज्यादा आए उसे जेल में डाल दो देर भी मत करो लेकिन मेरी संपत्ति आय से ज्यादा मिलती है तो मुझे सीएस दफ्तर से गिरफ्तार करके ले जाओ ।

आर ए एस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि पुलिस पर मॉनिटरिंग का सिस्टम तक नहीं है एसीबी के अफसर दूध के धुले हुए नहीं है । यदि इस तरह के हालात रहे थे कोई काम नहीं करेगा। आर ए एस अफसर से एक एस आई रैंक का पुलिसकर्मी पूछताछ कर रहा है यह बेहद शर्मनाक है ।

आर ए एस अधिकारियों के सोशल मीडिया ग्रुप पर पूरे राजस्थान में एक ही सवाल किया जा रहा है कि सीनियर आर ए एस अधिकारी को बिना किसी सबूत के किसी भी पूछताछ के लिए एसीबी कैसे ले गई ? राजस्थान को पुलिस स्टेट बना कर रख दिया है

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम