राजस्थान में पानीपत पर छिड़ा युद्व, राजनीति के दिग्गज नेता फिल्म पर बेन लगाने के लिए मैदान में उतरें

Firoz Usmani
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Jaipur News (फिरोज़ उस्म्मानी) – आाशुतोष गोवरिकर की पानीपत फिल्म पर ऐतिहासीक तथ्यों से छेड़छाड़ कर भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जेसे महान पुरूष का चित्रण गलत तरीके से पैश करने का आरोप लग रहा है।आरोपों को लेकर पानीपत फिल्म को बैन करने की मागं राजस्थान में तेज होती जा रही है। अशोक गहलोत,पूर्व मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे, भरतपुर राजस्थान सरकार में मंत्री महाराजा विŸवेन्द्र सिंह, नागौर सांसद हनुमान बैनीवाल,गोबिंद सिहं डोटासर ने सौशल मीडिया पर विरोध जताया है। फि ल्म को लेकर सडक़ों पर पूतलें जलाकर विरोध भी जताया जा रहा है।
फिल्म में सूरजमल को लालची दिखाया

फिल्म के विरोध में आए लोगों का कहना है कि फिल्म में महाराजा सूरजमल जाट के चरित्र को लालची व मसखरा बताया है। सूरजमल को हरियाणवी व राजस्थानी भाषा के टच में दिखया गया है। फिल्म में सूरजमल को मराठा पैशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने आगरा का किला उन्हें सोपनें की मांग करते हुए दिखाया गया है। इस पर पेशवा सदाशिव आपत्ति जताते है। सूरजमल भी अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ युद्व में साथ देने से इंकार कर देते है।

इतिहासकारों का मानना है महान थे सूरजमल
वहीं इतिहासकार रामवीर वर्मा का कहना है कि सूरजमल ने मराठा सेना को 5 सलाह के लिए कहा था। हमला गर्मी में किया जाए, क्योंकि अफगानी सैनिक भारत की गर्मी बर्दाश्त नही कर पाएगें, युद्व में गुरिल्ला युद्व नीति अपनाए, गाजीउद्दीन को वजीर बनाया जाए,जिससे मुस्लिम सैनिकों का युद्व में भावनात्मक सहयोग मिल सकें। दिल्ली के दरबार-ए-आम की चांदी की छत को नही तोड़ी जाए, क्योंकि इससे लाखों लोगों की भावनांए जुड़ी है। साथ आई महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थान ग्वालियर,डीग व कुम्हेर के किले में रखने का सुझाव दिया था। लेकिन उनके परामर्श को नही माना गया। जिसके चलते वो अलग हुए।

सच्चाई के वितरित फिल्म में सूरजमल स्वाभिमानी, निष्ठावान, हद्वय सम्राट गलत चित्रण निंदनीय है (पूर्व सीएम राजस्थान वसुध्ंारा राजे)

https://twitter.com/vishvendrabtp/status/1203631266970529792?s=20

विŸवेंद्र सिंह ने सीएम को पत्र लिखा
पर्यटन मंत्री विŸवेंद्र सिंह ने सीएम को पत्र लिखकर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की फिल्मों के लिए प्रदेश पर्यटन विभाग को स्क्रिप्ट दिखाए बिना फिल्मों की शूंटिग ना होने की मांग की है। वे महराजा की 14वीं पीढ़ी से है पेशवा व मराठा जब घायल अवस्था में युद्व हारकर लोट रहे थे,तब महाराजा व महारानी ने 6 माह तक सेना व पेशवाओं को पनाह दी। खांडेराव हौल्कर की मृत्यु भी कभेंर में हुई। आज भी गांव गागरसोली में उनकी छतरी बनी हुई है। (विŸवेंद्र सिंह)

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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।