राजसमंद/ राजसमंद जिले की राजनगर थाना पुलिस ने फर्जी ऑनलाइन लॉटरी ऐप गेम ऐप लोन ऐप के जरिए हजारों लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले फिल्म प्रोड्यूसर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है गिरफ्तार लोगों से की गई पूछताछ के बाद हुए खुलासे को सुनकर जहां पुलिस भी दंग रह गई तो आप भी यह जानकर हैरान हो जाएंगे कैसे करते थे यह ठगी।
राजसमंद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव लाल बेरवा ने ने बताया कि कुंभलगढ़ के बिरंड निवासी दीपचंद गमेती ने पुलिस में शिकायत दी थी कि पैसों की जरूरत होने पर लोन लेने के लिए वह राजमल नाम के व्यक्ति से मिला तो उसने लोन स्वीकृत कराने के लिए आईसीआईसीआई बैंक लेकर गया। राजमल ने लोन के कागजात बता कर एक फॉर्म पर कुछ साइन करवाए। राजमल ने लोन जल्दी स्वीकृत होने और बैंक से नकद पैसा मिलने की बात कही। कई दिनों तक पैसा नहीं मिला। न बैंक से इस बारे में कोई सूचना मिली। पीड़ित दीपचंद को राजमल गुमराह करता रहा। इसी दौरान प्रकाश खारोल नाम के शख्स से पता लगा कि आईसीआईसीआई बैंक में पीड़ित के नाम से खाता खुला है, जिसमें लेनदेन नहीं हो रहा। इस पर दीपचंद आईसीआईसीआई बैंक राजसमन्द में गया और जानकारी जुटाई। वहां बैंकवालों से दीपचंद को पता लगा कि उसके नाम के खाते में करोड़ों रूपयों का लेनदेन हुआ है। बैंक कर्मचारी ने बताया कि इस खाते की चैक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड भी जारी हो रखा है। आरोपी ने दीपचंद के कागजात से फर्जी खाता खुलवा दिया था और ठगी के काम में उसे इस्तेमाल कर रहा था। इसके बाद दीपचंद ने पुलिस को सूचित किया।
एएसपी बैरवा ने बताया की थानाधिकारी डॉ हनवंतसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में टीम ने मुम्बई और राजसमंद से साइबर ठगी करने वाले आरोपी राजसमंद जिले के थाना खमनोर क्षेत्र के शिषोदा निवासी हाल मुंबई के थाना विले पार्ले निवासी ओम शिल्पी ज्वेलर्स के मालिक किशनलाल जैन पुत्र उदयलाल जैन, राज्यावास निवासी राजमल रेगर पुत्र मेघराज रेगर और राज्यावास निवासी प्रकाशचंद खारोल पुत्र शंकरलाल खारोल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने 7 बैंक खाते खुलवा कर मुंबई भेजे थे। उन्हें प्रति बैंक खाता खुलवाने पर 1 लाख रूपए मिलता है। केवल एक खाते में एक ही दिन में देशभर के करीब 3080 लोगों के करीब एक करोड़ ग्यारह लाख रूपए जमा हुए। खाते में दो लाख पूरे होते ही दूसरे बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता है।
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ऋण एप्पलीकेशन में फर्जी तरीके और बेरोजगार व्यक्तियों को लालच देकर खोले गए बैंक खातों के क्यू आर कोड इन एप्लीकेशन में जुड़वा देते है।
जिनसे लोगों को झांसा देकर मोबाईल एप्लीकेशन इन्सटॉल करवाते और फिर उसमें पैसें डबल करने का लालच देकर क्यू आर कोड के माध्यम से इन बैंक खातों में पैसा जमा करवाते है। इस तरह देश भर से एक ही बैंक खातें में एक ही दिन में करोड़ो रूपयें आते है ।
ऐसे फंसाते थे
आरोपी सबसे पहले ऋण जरूरत मंद लोगों को टारगेट करते है और उन्हे सस्ते ब्याज पर लोन का झांसा देकर अपने साथ बैंक लेकर जाते है और बैंक फार्म स्वयं ही भर कर अपने साथियों के बताए अनुसार उन बैंक खातों में मोबाईल नम्बर जुड़वाते है। बैंक पासबुक, चैक बुक, एटीएम कार्ड कोरियर के माध्यम से आने पर बैंक खातें में लिंक मोबाईल नम्बर पर कॉल आता है तो वह उनके बताएं पते पर प्राप्त कर लेते है। बैंक पास बुक, चैक बुक और एटीएम कार्ड पार्सल बनाकर मुंबई भिजवा देते है और मुंबई में बैठे इनके गिरोह के सदस्य बैंक पासबुक, चैक बुक व एटीएम कार्ड रिसिव कर लेते है। करंट बैंक खाता बैचने पर 50 हजार से 1लाख रूपए प्रति बैंक खाता मिलता है। जीएसटी कंरट बैंक खाता बैचने पर 5 से 10 लाख रूपए प्रति बैंक खाता मिलता है। आरोपियों द्वारा अब तक कुल 7 बैंक खातें बैचे जा चुके है।
फिल्म बनाई 23 करोड का लगा था घाटा
मास्टर माइन्ड किशन लाल जैन वर्ष 2012-13 में एक फिल्म बनी थी, जिसमें जैन द्वारा 23 करोड़ रूपए लगाये थे, जिसमें उसके घाटा लग गया। जो मुंबई में एक ज्वैलरी की दुकान करने वाले को पैसा देता रहता है जो आगे अलग-अलग फिल्मों में इन्वेस्ट करता रहता है। अपने आप सफेद पौश बनाने के लिए ज्वैलर्स कि दुकान चलाता है और इसके बैकग्राउण्ड में दुकान में काम करने वालों के परिचितों के नाम से बैंक खातें खुलवा कर धोखाधड़ी पूर्वक हड़पी गई राशि को उन बैंक खातों में जमा करवा देता है।
प्रदेश मे इस तरह ठगी का यह पहला मामला
प्रदेश में यह अपने आप में ठगी का सबसे बड़ा तरीका है जिसका राजनगर पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया अब पुलिस को इस मामले में आयुष नाम के एक बड़े व्यक्ति की तलाश है जो किशन लाल के साथ मिलकर पैसे निकालता था।